अंकारा। केंद्र सरकार ने भूकंप पीडि़तों की सहायता के लिए बिना देर किए तुर्की की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत सरकार ने छह विमानों से एनडीआरएफ की टीम, चिकित्सा कर्मियों की बड़ी टीम, दवाएं और अन्य जरूरी वस्तुओं के साथ प्रशिक्षित डॉग स्कवॉड भी भेजा है, जो तुर्की में भूकंप से तबाह हुई इमारतों के मलबे में दबी जिंदगियों का पता लगाने में लगा हुआ है।
सेना और एनडीआरएफ के करीब 150 से अधिक सदस्य इस वक्त तुर्की में लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं। वहीं उनके साथ 6 प्रशिक्षित कुत्ते भी लोगों को मलबों में ढूंढ रहे हैं। तुर्की में आए भूकंप के बाद जैसे जैसे समय बीता जा रहा है। जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में ऐसे खोजी श्वान यानी रेस्क्यू डॉग की अहमियत और ज्यादा बढ़ती जा रही है। तुर्की के नोरदाग इलाके में मलबे में दबे लोगों को एनडीआरएफ के खोजी श्वान खोज रहे हैं।
एनडीआरएफ के कुल 6 खोजी श्वान अभी राहत और बचाव कार्य को अंजाम दे रहे हैं। एनडीआरएफ के जवानों ने एक 6 साल की बच्ची का रेस्क्यू करने के बाद 8 साल की बच्ची को मलबे से सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई है। हैरानी की बात यह है कि बच्ची 4 दिन बाद मलबे से जिंदा निकली है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एनडीआरएफ की टीम तुर्की सेना के जवानों के साथ गाजियांटेप प्रांत के नूरदगी शहर में अपना बचाव अभियान चला रही है।