ओटावा। India Canda Relations। कनाडा और भारत के रिश्तों में एक बार फिर खटास आ चुका है। कनाडा सरकार ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या में भारत के उच्चायुक्त के शामिल होने का आरोप लगाया है। भारत सरकार ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। वहीं, भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनयिकों को वापस देश बुला लिया है।
कनाडा और भारत के बीच बढ़ा तनाव
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। ट्रूडो ने बताया कि भारत ने सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया है, जिसके जवाब में कनाडा ने अपने उच्चायुक्त और अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया है।
ट्रूडो का बयान: “हम लड़ाई नहीं चाहते”
ट्रूडो ने कहा, “हम जानबूझकर कनाडा-भारत संबंधों में तनाव नहीं पैदा करना चाहते। लेकिन एक कनाडाई नागरिक की हत्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत की और इस मुद्दे पर भारत से ठोस कदम उठाने की उम्मीद जताई।
भारत ने खारिज किए आरोप
भारत सरकार ने ट्रूडो के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। वहीं, भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक भारत छोड़ने का आदेश दिया है।
पुख्ता सबूतों का दावा
ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पास पुख्ता सबूत हैं, जो दर्शाते हैं कि भारतीय एजेंट कनाडा में आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह अस्वीकार्य है और कनाडाई अधिकारियों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है।
निज्जर की हत्या: एक विवादास्पद मामला
गौरतलब है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया में हुई थी। इस हत्या के बाद ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के आरोप लगाए थे, जिसे भारत ने बेतुका बताया था।
भारत-कनाडा संबंधों पर प्रभाव
इस मामले ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में और खटास पैदा कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे द्विपक्षीय व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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