‘ऑयल रिजर्व बलूचिस्तान के हैं, पाकिस्तान के नहीं’: बलूच नेता ने ट्रंप को दी सीधी चुनौती

Manisha singh
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‘ऑयल रिजर्व बलूचिस्तान के हैं, पाकिस्तान के नहीं’: बलूच नेता ने ट्रंप को दी सीधी चुनौती

बलूचिस्तान: बलूच नेता मीर यार बलूच ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिनमें उन्होंने पाकिस्तान के साथ ‘विशाल तेल भंडारों’ के विकास के समझौते की बात कही थी। मीर यार बलूच ने साफ कहा है कि ये संसाधन पाकिस्तान के नहीं, बल्कि अवैध रूप से कब्जे वाले ‘रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान’ के हैं।

‘जनरल आसिम मुनीर ने आपको गुमराह किया’

मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक बयान जारी करते हुए ट्रंप को संबोधित किया। उन्होंने लिखा, “आपको यह बताना जरूरी है कि पाकिस्तानी सेना, खासकर सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने आपको गंभीर रूप से गुमराह किया है। तेल, प्राकृतिक गैस, तांबा, लिथियम और यूरेनियम जैसे खनिज भंडार पंजाब में नहीं, बल्कि बलूचिस्तान में स्थित हैं। बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक स्वतंत्र गणराज्य है जिस पर 1948 में अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था।”

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ट्रंप की घोषणा पर बलूच नेता का विरोध

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि अमेरिका और पाकिस्तान मिलकर पाकिस्तान के तेल भंडारों का विकास करेंगे, और एक दिन पाकिस्तान भारत को भी तेल बेच सकता है। इसी घोषणा से कुछ घंटे पहले उन्होंने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की बात भी कही थी। मीर यार बलूच ने ट्रंप को आगाह करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI (जिसे उन्होंने ‘आतंकी संगठनों का संरक्षक’ बताया) बलूचिस्तान के इन संसाधनों का इस्तेमाल दुनिया भर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए करेगी।

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वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा

बलूच नेता ने चेताया कि पाकिस्तान को इन संसाधनों तक पहुँच देना एक बड़ी रणनीतिक भूल होगी। उन्होंने कहा, “इससे ISI की वित्तीय और ऑपरेशनल क्षमता बढ़ेगी, और वह दुनिया भर में आतंकी नेटवर्क फैला सकती है, जिससे 9/11 जैसे हमलों को दोहराने की संभावना भी बढ़ जाएगी।” मीर यार बलूच ने कहा कि इन संसाधनों से बलूच जनता को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि इनका उपयोग भारत और इजराइल के खिलाफ जिहादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में किया जाएगा, जिससे वैश्विक अस्थिरता बढ़ेगी।

उन्होंने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बलूच लोगों की आजादी और उनके प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार की लड़ाई का समर्थन करने की अपील की है।

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