ऑपरेशन सिंधु: ईरान से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष अभियान शुरू, आज पहुंचेंगी दो उड़ानें

Dharmender Singh Malik
5 Min Read
ऑपरेशन सिंधु: ईरान से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष अभियान शुरू, आज पहुंचेंगी दो उड़ानें

नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव और संभावित सैन्य संघर्ष के मद्देनजर भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक बड़े निकासी अभियान, ‘ऑपरेशन सिंधु’ (Operation Sindhu) की शुरुआत की है। इस विशेष अभियान का मुख्य उद्देश्य ईरान में फंसे हुए भारतीय नागरिकों, विशेषकर छात्रों की सुरक्षित और त्वरित वापसी सुनिश्चित करना है।

युद्ध के कारण फंसे सैकड़ों छात्र, परिवारों की गुहार

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ती जंग की आशंका ने वहां रह रहे सैकड़ों भारतीय छात्रों को मुश्किल में डाल दिया है। इन छात्रों के परिवार वालों ने भारत सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी की लगातार गुहार लगाई थी, जिसके बाद सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस मानवीय ऑपरेशन को शुरू किया है।

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आज रात पहुंचेंगी दो निकासी उड़ानें

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन सिंधु के तहत आज रात दो निकासी उड़ानें भारत पहुंचेंगी। पहली उड़ान ईरान के मशहद शहर से रवाना हुई है और इसके रात 11:30 बजे के आसपास दिल्ली में उतरने की उम्मीद है। वहीं, दूसरी उड़ान तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से आ रही है, जो सुबह 3 बजे के करीब दिल्ली पहुंचेगी। यह अभियान विदेश मंत्रालय, भारतीय दूतावासों और संबंधित एजेंसियों के संयुक्त समन्वय से चलाया जा रहा है, ताकि निकासी प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी बनाया जा सके। भारत सरकार का लक्ष्य है कि ईरान सहित पश्चिम एशिया के संकटग्रस्त क्षेत्रों में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों की जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए।

1000 छात्रों को लाया जा रहा वापस, ईरान सरकार का सहयोग

इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन के तहत लगभग 1000 भारतीय नागरिकों, जिनमें अधिकांश छात्र हैं, को ईरान के मशहद शहर से स्वदेश लाया जा रहा है। इस मानवीय प्रयास में ईरान सरकार ने भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। उन्होंने तीन चार्टर्ड उड़ानों के लिए अपने एयरस्पेस पर लगी पाबंदियों को अस्थायी रूप से हटा दिया है। ये विशेष उड़ानें ईरानी एयरलाइन ‘महान एयर’ द्वारा संचालित की जा रही हैं और भारत सरकार इन सभी उड़ानों का समन्वय कर रही है।

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पहले भी 110 छात्र आर्मेनिया के रास्ते लाए गए

गौरतलब है कि इससे पहले भी ईरान से 110 भारतीय छात्रों को आर्मेनिया के जरिए जमीनी रास्ते से सुरक्षित निकालकर भारत लाया गया था। यह दर्शाता है कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए विभिन्न मार्गों और विकल्पों पर विचार कर रही है।

ईरानी दूतावास के उप प्रमुख मोहम्मद जवाद हुसैनी ने मीडिया को जानकारी देते हुए भारत के प्रति सद्भावना व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि, “हम भारतीयों को अपने जैसे मानते हैं। ईरानी एयरस्पेस भले ही बंद हो, लेकिन भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए हमने इसे खोलने की व्यवस्था की है।” उन्होंने यह भी बताया कि अगर आवश्यकता पड़ी, तो आने वाले दिनों में अधिक उड़ानों की व्यवस्था भी की जा सकती है, जो भारत-ईरान के मजबूत संबंधों को दर्शाता है।

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ईरान में 10,000 भारतीय, मंत्रालय सक्रिय

हुसैनी ने बताया कि वर्तमान में करीब 10,000 भारतीय नागरिक ईरान में रह रहे हैं, और जो भी भारत लौटना चाहते हैं, उनकी वापसी की समुचित व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, अधिकांश भारतीय सुरक्षित हैं, लेकिन हाल ही में तेहरान में एक छात्रावास पर हुए इजराइली हवाई हमले में कुछ भारतीय छात्रों को मामूली चोटें आई थीं। भारत का विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास मिलकर इस संकट में लगातार संपर्क बनाए हुए हैं, ताकि सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और शीघ्र वापसी सुनिश्चित की जा सके।

यह अभियान भारत सरकार की अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, खासकर ऐसे समय में जब क्षेत्रीय तनाव तेजी से बढ़ रहा है।

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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