Advertisement

Advertisements

पाकिस्तान-ईरान: कभी पाकिस्तान का मददगार रहा ईरान कैसे बना उसका दुश्मन

admin
4 Min Read

दक्षिण एशिया में स्थित पाकिस्तान और ईरान दोनों अहम आर्थिक, सामरिक और सामरिक महत्वपूर्ण देश हैं। यह दोनों देशों के बीच एक बार गहरी मित्रता थी, लेकिन समय के साथ इस मित्रता को दुश्मनी में बदल दिया गया है। आइए देखें कि पाकिस्तान और ईरान के बीच इस बदलाव के पीछे की कहानी क्या है।

पाकिस्तान और ईरान के रिश्तों की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई। ईरान ने तब पाकिस्तान की मदद की थी जब उसे ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई में सहायता की जरूरत थी। पाकिस्तान ने भी ईरान की मदद की थी जब वह अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था। दोनों देशों के बीच इस समय की मददगारी ने एक गहरी दोस्ती की बुनियाद रखी।

दोनों देशों के बीच के रिश्तों में बदलाव आया जब ईरान ने इस्लामिक क्रांति के बाद अपनी नीतियों में परिवर्तन किया। ईरान ने अपनी नई नीतियों के अनुसार इस्लामिक विश्व की नेता बनने का दावा किया और अपनी विचारधारा को पाकिस्तान के साथ साझा करने की कोशिश की। इसके बावजूद, पाकिस्तान ने इसे अपनी स्वतंत्रता के लिए एक आपत्तिजनक उभार माना और इसलिए इसे अपना दुश्मन घोषित किया।

See also  Budget 2024: मोदी सरकार ने गरीबों, किसानों, महिलाओं और मिडिल-क्लास के लिए कई घोषणाएं कीं

पाकिस्तान और ईरान के बीच ताजा टकराव के पीछे कई कारण हैं। एक मुख्य कारण है दोनों देशों के विभिन्न धार्मिक और सामाजिक समूहों के बीच विभाजन। पाकिस्तान में सूनी और ईरान में शिया मुस्लिम समुदायों की अधिकांशता है। यह धार्मिक विभाजन दोनों देशों के बीच विशेष रूप से तनाव पैदा करता है। शिया मुस्लिम समुदाय ईरान के साथ अपनी पहचान और संबंध को मजबूत करना चाहते हैं, जबकि सूनी मुस्लिम समुदाय पाकिस्तान में बहुसंख्यक होने के कारण अपने हक़ की रक्षा करना चाहते हैं।

अतिरिक्त तनाव का कारण है पाकिस्तान और ईरान के बीच भूगर्भिक संबंधों का मामला। ईरान में स्थित बालोचिस्तान प्रांत में आतंकवादी समूह बलोच नेशनल आर्मी (बीएनए) द्वारा कई हमले किए गए हैं, जिनका माना जाता है कि ये हमले पाकिस्तान से आयोजित हुए हैं। पाकिस्तान ने इसका खंडन किया है और दावा किया है कि ये हमले ईरान के खिलाफ साजिश हैं। इसके परिणामस्वरूप, ईरान ने पाकिस्तान को अपना दुश्मन घोषित किया है और इसे इस्लामिक आतंकवाद की प्रमुख स्रोत के रूप में देखा है।

See also  Gujarat: मोरबी में नदी पर बना पुल टूटा, 400 लोग पानी में गिरे, PM मोदी ने दिए बचाव कार्य तेज करने के निर्देश

अंतिम तौर पर, पाकिस्तान और ईरान के बीच राष्ट्रीय हितों के मुद्दों का महत्वपूर्ण योगदान भी है। ईरान के पास बड़े पेट्रोलियम संपदा है और पाकिस्तान की ऊर्जा की आपूर्ति के लिए ईरान महत्वपूर्ण संचार माध्यम है। हालांकि, अमेरिका ने ईरान के साथ व्यापारिक संबंधों को रोक दिया है और इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को ऊर्जा की आपूर्ति में कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, यह तनाव दोनों देशों के बीच बढ़ता हुआ है।

संक्षेप में कहें तो, पाकिस्तान और ईरान के बीच की मित्रता और दुश्मनी की कहानी गहरी और जटिल है। धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कारणों से इस बदलाव का कारण है। हालांकि, दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को संभालने के लिए द्विपक्षीय बातचीत की आवश्यकता है जिससे कि दोनों देश एक-दूसरे के साथ सशक्त और सुरक्षित संबंध बना सकें।

Advertisements

See also  तुर्की में कइयों के लिए देवदूत बना एनडीआरएफ का डॉग स्क्वाड, मलबे में खोज निकाली जिंदगियां
See also  सीएम देवेंद्र फडणवीस का आदेश: विजिट के दौरान फूल-माला और बुके पर रोक, गार्ड ऑफ ऑनर भी बंद
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement