रुस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव चरम पर है। एक ओर जहां पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंध लगाते जा रहे हैं, वहीं यूक्रेन को हथियार देने के लिए रूस पश्चिम को धमका रहा है। इस बीच नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा करने वाले हैं। अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है। यह एक दुर्लभ मौका होगा जब पुतिन और तमाम पश्चिमी नेता एक ही मेज पर आमने-सामने आने वाले हैं।
सूत्रों ने बताया कि क्रेमलिन पुतिन के शेड्यूल को तय करने पर काम कर रहा है, ताकि पुतिन इसमें हिस्सा ले पाएं, जो पिछले दो शिखर सम्मेलनों को छोड़ चुके हैं। अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि जारी नहीं की गई है। हालांकि भारत ने औपचारिक रूप से पुतिन को आमंत्रित किया है और क्रेमलिन ने भारत के निमत्रंण को स्वीकार किया है। वहीं क्रेमलिन व्लादिवोस्तोक में एक वार्षिक आर्थिक मंच की तैयारी कर रहा है।
पिछले साल पुतिन ने बाली में जी-20 कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था। उन्होंने यूक्रेन के हमले को लेकर पश्चिमी दबाव के बीच रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को अपनी जगह इसमें हिस्सा लेने के लिए भेजा था। इससे एक साल पहले भी पुतिन रोम में जी-20 समिट में शामिल नहीं हुए थे। कहा जाता है कि वह यूक्रेन पर हमले की योजना बना रहे थे। मार्च की शुरुआत में नई दिल्ली में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी, जिसमें देश रूस-यूक्रेन मुद्दे पर बंटे हुए नजर आए थे।