स्टैग बीटल नामक कीडे की कीमत है करोडों में

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

दुर्लभ कीडे से बनाई जाती है महंगी दवाइयां

टोक्यो । 2 से 3 इंच लंबे कीड़े की कीमत करोंड़ों में सुनकर आप हैरान हो रहे होंगे लेकिन यह सच्चाई है। एक जापानी ब्रीडर ने एक कीड़ा 89,000 डॉलर (आज के प्राइस में लगभग 73 लाख रुपये) में बेचा था। कहा जाता है कि यह पृथ्वी पर मौजूद सबसे छोटे, अजीब और दुर्लभ प्रजातियों में से एक है। इसका नाम है स्टैग बीटल।

कीड़ों की हैं 1200 प्रजातियां 

यह लुकानिडे परिवार का सदस्य है, जिसमें कीड़ों की 1200 प्रजातियां हैं। इसको पालने के लिए लोग लाखों करोड़ों रुपए तक खर्च करने के लिए तैयार हैं। देखने में यह बहुत छोटा सा दिखता है पर इसे खरीदना रईसों के बस की भी बात नहीं। यानी अगर आपको मिल जाए तो आप तुरंत करोड़पति बन सकते हैं। बताया गया है कि यह कीड़ा इतना नाजुक होता है कि तेज ठंड बर्दाश्त नहीं कर सकता। सर्दी के मौसम में अगर यह कीड़ा अपनी रक्षा नहीं कर पाता तो इसकी मौत हो जाती है। 2 स्टैग बीटल जब आपस में लड़ाई करते हैं तो ये किसी सुमो रेसलर जैसे एक-दूसरे को पीछे तक धकेलने की कोशिश करते हैं।

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इन फीचर्स से आप कर सकते हैं इस दुर्लभ कीड़े की पहचान

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इसके सिर पर काले सींग लगे होते हैं। ये करीब सो से पांच इंच के बीच होते हैं। लोग शौक के लिए इस कीड़े को पालते हैं। ये सिर्फ गर्म जगहों पर मिलता है। ठंड पड़ने पर इसकी मौत हो जाती है। ये कूड़ों के बीच रहता है। इतना ही नहीं, ये कीड़ा करीब सात साल तक जिंदा रहता है। स्टै बीटल के लार्वा सड़ती हुई लकड़ी को खाते हैं। वयस्क स्टैग बीटल फलों के रस, पेड़ के रस और पानी पर जीवित रहते हैं। इसकी जीभ नारंगी रंग की होती है। वयस्क स्टैग बीटल ठोस लकड़ी को नहीं खा सकते हैं। वे लार्वा अवधि के दौरान निर्मित अपने वसा भंडार पर भरोसा करते हैं।

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वयस्क के रूप में उभरने के बाद कुछ ही महीनों तक रहते हैं जीवित 

एक स्टैग बीटल को वयस्क होने में सिर्फ कई हफ्तों का समय लगता है। एक वयस्क के रूप में उभरने के बाद कुछ ही महीनों तक जीवित रहते हैं। कई देशों में इस कीड़े को विलुप्त होने की श्रेणी में डाल दिया गया है। बता दें कि इस कीड़े से कई तरह की असाध्य रोगों मे उपयोग होने वाली महंगी दवाइयां बनाई जाती हैं जिसकी वजह से इसकी कीमत इतनी ज्यादा है। इसी वजह से इस कीड़े की प्रजाति पर लुप्त होने का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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