ब्रसेल्स । यूरोपीय संसद और यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों ने वर्ष 2035 तक नई पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों एवं वैन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने पर समझौता किया है। ईयू के वार्ताकारों के बीच इस समझौते पर गुरुवार देर रात को सहमति बनी। इस दशक में वैश्विक तापवृद्धि का कारण बनने वाली गैसों के उत्सर्जन में कटौती के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यूरोपीय आयोग द्वारा गठित ‘फिट फॉर 55’ पैकेज का यह पहला समझौता है।
यूरोपीय संसद ने कहा कि यह समझौता ”संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से पहले एक स्पष्ट संकेत है कि यूरोपीय संघ अपने जलवायु कानून में निर्धारित अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए ठोस कानून अपनाने को लेकर गंभीर है। यूरोपीय संघ के आंकड़ों के अनुसार, परिवहन ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां पिछले तीन दशकों में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ा है। परिवहन उत्सर्जन 1990 और 2019 के बीच 33.5 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
यात्री कारें प्रदूषण फैलाने में अहम भूमिका निभाती हैं। ईयू के सड़क परिवहन से पैदा होने वाले कुल कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन का 61 प्रतिशत यात्री कारें ही हैं। यूरोपीय संसद की पर्यावरण समिति के प्रमुख पास्कल कैनफिन के अनुसार, यह एक ऐतिहासिक निर्णय है, क्योंकि यह पहली बार 2025, 2030 और 2035 में लक्ष्य के साथ एक स्पष्ट शून्य-कार्बन उत्सर्जन मार्ग को परिभाषित करता है। यह वर्ष 2050 तक जलवायु तटस्थता के हमारे लक्ष्य के साथ जुड़ा हुआ है।”