अमेरिका में लिंग परिवर्तन पर लगा बैन, आखिर Trump ने क्यों लिया ये फैसला; बताई वजह

Manisha singh
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वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने लिंग परिवर्तन पर एक बड़ा फैसला लिया है। ट्रंप ने हाल ही में एक कार्यकारी आदेश पर साइन किए हैं, जिसके तहत 19 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए लिंग परिवर्तन कराना अब संभव नहीं होगा। इस फैसले के पीछे ट्रंप का तर्क यह है कि वह बच्चों के लिए ऐसी प्रक्रियाओं के वित्तपोषण, प्रायोजन, और सहायता को रोकना चाहते हैं।

ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “अमेरिका की नीति है कि वह किसी बच्चे के एक लिंग से दूसरे लिंग में तथाकथित ‘परिवर्तन’ को वित्तपोषित, प्रायोजित, बढ़ावा, सहायता या समर्थन नहीं देगा और वह इन विनाशकारी तथा जीवन बदलने वाली प्रक्रियाओं को प्रतिबंधित या सीमित करने वाले सभी कानूनों को सख्ती से लागू करेगा।”

यह निर्णय ट्रंप प्रशासन द्वारा एक ऐसी नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 19 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया को रोकना और इस मामले में सख्त कानून लागू करना है। ट्रंप ने इस आदेश को साइन करते हुए इसे अमेरिकी समाज के बच्चों और किशोरों की भलाई के लिए उठाया गया कदम बताया है।

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ट्रंप का ट्रांसजेंडर पर सख्त रुख

लिंग परिवर्तन पर इस बैन के साथ-साथ ट्रंप ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए भी एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। ट्रंप ने पेंटागन को एक निर्देश दिया, जिसके तहत ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अमेरिकी सैन्य सेवा से प्रतिबंधित किया जा सकता है। उनका मानना है कि सैन्य सेवाओं में ट्रांसजेंडर की उपस्थिति से संबंधित नीतियों की पुनः समीक्षा की जानी चाहिए। इससे पहले, ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया था, जिसमें सरकारी कागजातों से ट्रांसजेंडर का विकल्प हटा दिया गया था।

ट्रंप के इस फैसले को लेकर आलोचनाओं का सामना भी किया जा रहा है, क्योंकि यह ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों को सीमित करने वाला कदम माना जा रहा है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य सेवाओं की सुदृढ़ता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

ट्रंप के फैसले पर विवाद

ट्रंप के इस आदेश ने अमेरिकी राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कई नागरिक अधिकार संगठन और ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं, जबकि कुछ वर्गों का मानना है कि यह कदम बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। ट्रांसजेंडर अधिकार संगठन इसे बच्चों और युवाओं के अधिकारों का उल्लंघन मानते हैं, और उनका कहना है कि इस फैसले से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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दूसरी ओर, कुछ लोग इसे ट्रंप की चुनावी रणनीति का हिस्सा मानते हैं, क्योंकि यह कदम उन क्षेत्रों में समर्थन बढ़ाने के लिए उठाया गया है, जहां पारंपरिक परिवार और सामाजिक मान्यताएँ महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिंग परिवर्तन पर लगाए गए प्रतिबंध और ट्रांसजेंडर को सैन्य सेवा से प्रतिबंधित करने के आदेश ने एक नई बहस को जन्म दिया है। इस फैसले को लेकर जहां एक ओर ट्रंप समर्थकों ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है, वहीं दूसरी ओर आलोचक इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन मानते हैं। आने वाले दिनों में इस फैसले पर और अधिक बहस हो सकती है और यह अमेरिकी समाज के विभिन्न वर्गों के बीच मतभेदों को और गहरा कर सकता है।

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