इस्लामाबाद/श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में इस घटना से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि इस हमले से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं है।
ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि पहलगाम की घटना “होम ग्रोन” है और भारत के भीतर की समस्या है। उन्होंने कहा कि “भारत के खिलाफ उनकी तथाकथित रियासतों में बगावतें हुई हैं, एक नहीं दर्जनों के हिसाब से। नगालैंड से लेकर कश्मीर तक और छत्तीसगढ़ से मणिपुर सभी जगहों पर दिल्ली की हुकूमत के खिलाफ बगावतें हुई हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “हिंदुत्व की हुकूमत लोगों का शोषण कर रही है। अल्पसंख्यकों का शोषण किया जा रहा है, जिसमें मुसलमान भी हैं, ईसाई और बौद्ध भी हैं। इनका कत्लेआम किया जा रहा है।”
ख्वाजा आसिफ ने दोहराया कि पाकिस्तान किसी भी तरह से आतंकवाद का समर्थन नहीं करता है और निर्दोष लोगों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “ये केंद्र की सरकार के खिलाफ बगावत है, जिस वजह से वहां इस तरह की एक्टिविटीज हो रही है। हमारा इससे कोई ताल्लुक नहीं है। हम किसी भी सूरत में आतंकवाद को सपोर्ट नहीं करते और बेगुनाहों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। इसमें किसी भी शक की गुंजाइश नहीं है।”
हालांकि, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि हमले की योजना स्थानीय कश्मीरी आतंकवादियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के साथ मिलकर बनाई गई थी। हमलावरों ने बैसरन को इसलिए चुना क्योंकि वहां सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं थी। यह भी पता चला है कि हमलावरों ने बॉडीकैम पहने हुए थे और पूरे हमले की वीडियोग्राफी की थी। उन्होंने महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग करके चुन-चुनकर लोगों को मारा।
जांच से यह भी पता चला है कि आतंकियों ने घने जंगलों में ठिकाने बना रखे थे और स्थानीय आतंकवादियों की मदद से वे अपनी लोकेशन बदल रहे हैं। इन तथ्यों के बावजूद पाकिस्तान का इस हमले से पल्ला झाड़ना और इसे भारत की आंतरिक समस्या बताना इस मामले को और जटिल बना रहा है।