सेंट मार्टिन द्वीप: क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

Dharmender Singh Malik
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बांग्लादेश का यह छोटा सा द्वीप हाल ही में सुर्खियों में रहा है। सेंट मार्टिन द्वीप की रणनीतिक स्थिति और इतिहास ने इसे वैश्विक चर्चा का विषय बना दिया है। सेंट मार्टिन द्वीप का भौगोलिक स्थान, ऐतिहासिक महत्व और रणनीतिक स्थिति इसे एक महत्वपूर्ण द्वीप बनाती है। यह न केवल बांग्लादेश के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि आखिर इस द्वीप की क्या खासियत है जिसके कारण यह इतना महत्वपूर्ण है।

सेंट मार्टिन द्वीप का भौगोलिक महत्व

सेंट मार्टिन द्वीप बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी में स्थित एक कोरल द्वीप है। यह बांग्लादेश का एकमात्र कोरल द्वीप होने के साथ-साथ दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक द्वीप भी है। इसकी रणनीतिक स्थिति इसे एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग बनाती है।

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ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

माना जाता है कि हजारों साल पहले यह द्वीप मुख्य भूमि का हिस्सा था, लेकिन धीरे-धीरे समुद्र के जलस्तर में वृद्धि के कारण यह अलग हो गया। इस द्वीप का नाम 18वीं शताब्दी में ब्रिटिश शासनकाल में चित्तगांव के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर मार्टिन के नाम पर रखा गया था।

रणनीतिक महत्व

  • समुद्री मार्ग: बंगाल की खाड़ी में स्थित होने के कारण यह द्वीप एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर स्थित है।
  • सैन्य अड्डा: इसकी रणनीतिक स्थिति के कारण कई देशों की नजर इस द्वीप पर रहती है। इसे एक संभावित सैन्य अड्डे के रूप में देखा जाता है।
  • प्राकृतिक संसाधन: इस द्वीप में समुद्री जीवों की विविधता पाई जाती है, जिसके कारण यह मछली पकड़ने और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है।
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हालिया विवाद

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद इस द्वीप की चर्चा और भी ज्यादा बढ़ गई। उन्होंने आरोप लगाया था कि यदि इस द्वीप को अमेरिका को दे दिया होता तो उनकी कुर्सी नहीं जाती। हालांकि, इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है।

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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