ड्रग्स पैडलर्स की पार्टी में थिरक रहीं घर की लक्ष्मी!

ड्रग्स पैडलर्स की पार्टी में थिरक रहीं घर की लक्ष्मी!
ड्रग्स पैडलर्स की पार्टी में थिरक रहीं घर की लक्ष्मी!

-रेस्टोरेंट में हुई मनाला चरस पार्टी, लड़कियों दी गई फ्री में सिगरेट
-दर्जनभर ड्रग्स सप्लायर युवक-युवतियों को कर रहे नशे का आदी

आगरा। किटी पार्टी, कोचिंग, सहेली के घर, पिकनिक, घूमने-फिरने आदि इस तरह के बहाने करके घर से बाहर जा रही आपकी लाडली कहीं ड्रग्स पैडलर के चंगुल में तो नहीं फंस रही।

जी हां यह सब बातें हम यूहीं हवा में नहीं कर रहे हैं। फतेहाबाद रोड, सदर, हरीपर्वत और न्यू आगरा क्षेत्र में चल रहे रेस्टोरेंट और हुक्काबारों में लड़कियां सिगरेट पीकर धुंए के छल्ले उड़ा रही हैं। ड्रग्स पैडलर मनाला चरस के अलावा नार्मल चरस देकर नशे का आदी बनाकर शोषण कर रहे हैं। वहीं यंगस्टर नशे को पूरा करने के लिए घरों में चोरी या फिर सटोरियों के चुंगल में फंसे जा रहे हैं। उनकी गाड़ियां सूदखोरों के यहां गिरवी रखी हुई हैं। परिजन कुछ कहते हैं तो वह बगावत कर रहे हैं। यहीं नहीं वह हाथ की नश काटकर उन्हे पैसे के लिए ब्लैकमेलिंग भी कर रहे हैं।

ड्रग्स आदी हो चुके युवक ने बताया कि शहर में आधा दर्जन ड्रग्स पैडलर रेस्टोरेंट्र फार्म हाउस या फिर चलती गाड़ियों में मनाला चरस की पार्टियां आॅर्गेनाइज कर रहे हैं। इनकी पार्टियों में शामिल होने के लिए लड़के और लड़कियां सिफारिश तक लगवा रहे हैं। ड्रग्स पैडलर महीने में एक बार हिमाचल के कुल्लू मनाली में पहाड़ी पर स्थित मनाला जाते हैं। वह किसी भी तरह से आधा किलो से लेकर एक किलो ग्राम चरस लेकर आ रहे हैं। मनाला चरस की कीमत बाजार में आठ लाख रुपये किग्रा है। जबकि हिमाचल से उन्हे चार से पांच लाख रुपये किग्रा में में मिल जाती है। इसकी एक सिगरेट आठ सौ रुपये में बेची जा रही है। शुरूआत में नये ग्राहक को इसकी आदत डालने के लिए फ्री में भी दे देते हैं। नशा न मिलने पर लड़के-लड़कियां ऐसे तड़पते हैं, जैसे बिन पानी मछली। नशे की आड़ में कई लड़कियों का योन और आर्थिक शोषण तक हो रहा है। नार्मल चरस की बात करें तो आगरा में 20 से 30 हजार रुपये किग्रा में मिल रहा है। इसके अन्य प्रदेशों में और भी सस्ती कीमत है। पैडलर एक खेप में ही मनाला चरस के जरिये दोगुनी कमाई कर रहे हैं।

हाई सोसाइटी को लिया है गिरफ्त में
मनाला चरस की सिगरेट पीने वाले मिडिल क्लॉस या फिर नौकरी पेशा वाले लोग नहीं हैं। यह नशा शहर की सबसे टॉप श्रेणी में बैठे रहीशों के बच्चे कर रहे हैं, जिनकी सूर्य छिपने के बाद दुनिया शुरू होती है। ड्रग्स पैडलर ने इन लोगों के बीच में ही अपनी पैठ बना ली है। वह इन रहीशों के लिए प्रतिदिन अलग-अलग स्थानों पर पार्टी रखते हैं। पार्टी में नये साथी को फ्री में या फिर आदी कीमत पर नशा दिया जाता है। ड्रग्स पैडलर की पार्टी में लड़कों से अधिक लड़कियां पहुंच रही हैं। एक सिगरेट का नशा तीन घंटे तक दूसरी दुनिया में पहुंचा देता है। इस नशे की आदत एक बार लग गई, फिर तो इस छुड़ाना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है। नशे की चपेट में कई बिजनेसमैन भी हैं।

आसानी से मिल रही नार्मल चरस की सिगरेट
मनाला चरस के अतिरिक्त शहर में नार्मल गांजे की भी बहुत डिमांड है। इसका सबसे अधिक सेवन छात्र कर रहे हैं। गांजे की एक भरी हुई सिगरेट 20 से 25 रुपये में मिल रही है।  एक खास किस्म के सिगरेट पेपर में भरकर पिया जा रहा है। इससे गांजे की तीक्ष्ण गंध नहीं आती है। हुक्कों में भी इसका प्रयोग हो रहा है। शहर में चाय की दुकानों और पान के खोखों पर आसानी से उपलब्ध हो रही है। 20 से 28 वर्ष के युवा इसके शौकीन हो रहे हैं।  सिगरेट पीने में इस्तेमाल हो रहा पेपर (ज्वाइंट) फ्रांस की एक नामी कंपनी का है। जिसके साथ फिल्टर भी आता है। एक पेपर फिल्टर के साथ पांच से सात रुपये का पड़ता है। सिगरेट पेपर को स्वदेशी कंपनियां भी बना रही है। बहुत से लोग सिगरेट पेपर लेकर घर में सिगरेट बना कर पीते हैं या पाइप में तंबाकू पीते हैं, इसलिए सिगरेट पेपर, सिगरेट में भरने वाली तंबाकू और फिल्टर की बिक्री पर कोई रोकटोक नहीं है।

गांजा जैसा इलाका वैसी कीमत
नेपाल के तराई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गांजा की खेती होती है। सूत्रों ने बताया कि देश में सबसे महंगी कीमत पर गांजा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बिकता है। वहां इसका भाव 20 से 30 हजार रुपये प्रति किलो है। दिल्ली और उड़ीसा में एक किलो गांजे की कीमत 8 से 10 हजार रुपये तक है। बिहार में इसकी कीमत काफी कम 3 से 5 हजार रुपये प्रति किलो है। इसका एक अहम कारण यह भी है कि राज्य के कई जिले में चोरी-छिपे गांजे की खेती होती है। वैसे नेपाली व अन्य जगहों के गांजे की अपेक्षा मणिपुरी गांजा की बाजार में अधिक कीमत है।

गांजा तस्करी के नये-नये तरीके
आगरा कैंट स्टेशन पर पार्सल के जरिए गांजे की बड़ी खेप आई । नारियल की जिन बोरियों में गांजा पकड़ा गया है, उन बोरियों की पैकिंग बहुत अलग तरीके से की गई थी। इन बोरियों के ऊपर दो बोरियां चढ़ाई गई थीं। नीचे और साइड में नारियल थे, बीच में गांजे के प्लास्टिक से पैक डिब्बे फंसाए गए थे। इनके ऊपर फिर नारियल रखे गए थे। इस डिब्बे में करीब 10 से 12 किलो गांजा है। पुलिस ने एक कुंटल 70 किग्रा चरस पकड़ा।

  • चरस तस्कर अपनी बोलेरो आदि गाड़ी की छत ऊंची होती है। छत की ऊपरी परत को हटा लेते हैं। छत और नीचे की कार्पेट के बीच में चरस के पैकेट रख लेते हैं। उसके बाद चारों तरफ से वेल्डिंग करा देते हैं। तस्कर पुलिस को असानी से चकमा देकर निकल जाते हैं।
  • इसके अलावा एंबुलेंस भी गांजा तस्करी के लिए इस्तेमाल हो रही है। शव के आकार के पैकेट बनाकर स्ट्रेचर पर रख लेते हैं। गाड़ी के शीशों पर पर्दे लगे होते हैं। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सायरन बजाते हुए निकलते हैं। पुलिस इंमरजेसी देख उनकों निकलने के लिए जगह और देते हैं। हालांकि न्यू आगरा पुलिस ने रविवार को एंबुलेंस में जा रही अवैध शराब का जखीरा पकड़ा। 

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