मथुरा। लेफ्टिनेंट जनरल सीपी करिअप्पा ने सेना के गौरवमय मुख्यालय वन कोर का पदभार दिनांक 03 अप्रैल 2020 को जनरल आॅफिसर कमांडिंग के रूप में संभाला। उन्हांेने मथुरा कोर की कमान लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर से ली, जिनके नेतृत्व में वन कोर ने सैन्य कौशल में उच्च कीर्तिमान स्थापित किया।
लेफ्टिनेंट जनरल सीपी करिअप्पा, नेशनल डिफेंस अकेडमी और इंडियन मिलिटरी अकेडमी के पूर्व छात्र रहे हैं। जिन्होंने राजपूताना राइफल्स की चैथी बटालियन में 9 जून 1984 को कमिशन प्राप्त किया। उन्हांेने युद्धकला, युद्धाभ्यास और काउण्टर टेररिज्म कौशल में महारत हासिल की है। जनरल साहब ने विभिन्न कमांड, सेना प्रशिक्षण संस्थान एवं स्टाफ अपाॅंर्टमेंट के रूप में सराहनीय कार्य किये हैं।
जनरल साहब हर क्षेत्र जैसे सैन्य अभियानों के रेगिस्तानों, पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों के अलग-अलग इलाकों में उच्चतम कार्य किये हैं। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें सेना की बारीकियों, सैन्य आॅपरेशन और रणनीति में विशेष दर्जा हासिल है। इसके साथ ही वह डिफेंस सर्विसेस स्टाफ काॅंलेज और यूनाइटेड स्टेट आर्मी वार काॅंलेज के भी भूतपूर्व छात्र रह चूके हंै।
जीओसी-इन-सी दर्शनशास्त्र में रक्षा अध्ययन एवं प्रबंधन और युद्ध कौशल अध्ययन मेें स्नातकोत्तर हैं। वे मांउटेन डिविजन और एक इंफैण्ट्री ब्रिगेड की कुशल कमान का नेतृत्व कर चुके हैं। उन्होंने सैन्य शांति सेवा फोर्स में मोजाम्बिक-अफ्रीका और इराक-कुवैत में प्रशंसनीय कार्य किया है। मुख्यालय वन कोर की कमान संभलने से पूर्व वह नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति के सैन्य सचिव के रूप में कार्यरत थे।
लेफ्टिनेंट जनरल करिअप्पा ने कमांड संभालने पर सभी रैंको को जोश, उत्साह के साथ काम जारी रखने के लिए प्रेरित किया और सैन्य प्रशिक्षण के असाधारण स्तर को प्राप्त करके प्रशिक्षण तत्परता संबंधी सभी पदों का ध्यान केंद्रित किया ताकि, मुख्यालय वन कोर भारत के खिलाफ शत्रु गतविधियों को रोकने में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकंे। साथ ही यह भी जोर दिया कि सर्वप्रथम ‘फाइट अगेंस्ट कोविड-19 थ्रेट’ से दृढ़तापूर्वक निपटा जाए।