कुट्टू का आटा असली है या नकली, कैसे होती है पहचान

Sumit Garg
5 Min Read

कुट्टू को अंग्रेजी में कहा जाता है बकवीट

सुमित गर्ग

नई दिल्ली  । चैत्र नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है और इस दौरान व्रती कुट्टू के आटे से बने पकवानों का ही सेवन करते हैं। आईए जानते हैं कुट्टू के आटे की शेल्फ लाइफ कितनी होती है और कुट्टू का आटा असली है या नकली, इसकी पहचान किस तरह से की जाती है और इसके अलावा आप व्रत में और किस आटे का सेवन कर सकते हैं.
कुट्टू को अंग्रेजी में बकवीट कहा जाता है।इसका किसी भी तरह के अनाज से कोई संबंध नहीं होता है।कुट्टू या बकवीट का लैटिन नाम फैगोपाइरम एस्कलूलेंट है और यह पोलीगोनेसिएइ परिवार का पौधा है।कुट्टू को उसी तरह से प्राप्त किया जाता है जैसे किसी पौधे से फल या बीजों को प्राप्त किया जाता है।कुट्टू के बीजों को पीसकर उसका आटा बनाया जाता है जिसे कुट्टू का आटा कहते हैं।भारत में कुट्टू को कई जगहों पर उगाया जाता है जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड.कुट्टू के आटे में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।

See also  किडनी की बीमारी की दवा मैन्नीटोल के बढ़े 15 फीसदी दाम, 53 दवाओं के रेट भी हुए फिक्स

इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, मैंगनीज और फास्फोरस पाया है।कुट्टू का आटा ग्लूटन फ्री होता है और इसमें मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।साथ ही ये ब्लड शुगर लेवल को भी सुधारने का काम करता है। कुट्टू के आटे में मैंगनीज होती है।यह हड्डियों के को मजबूत रखने में मददगार होती है।मैगनीज के कारण ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी का जोखिम कम हो जाता है।अगर आप गिरते और पतले होते बाल से परेशान हैं तो भी कुट्टू का आटा फायदेमंद है। इसमें आयरन, प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होता है जो बालों को मजबूती प्रदान करता है।यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में भी कारगर है।

इसमें में फाइबर के अलावा मैग्नीशियम भी होता है।ये शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है.इसे खाने से सांस से संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।इसे खाने से ऑक्सीजन का बहाव तेज होता है।अगर आप शुगर के मरीज हैं तो आपके लिए भी कुट्टू का आटा लाभकारी है।डायबिटीज में कुट्टू का आटा खाने से बहुत फायदा होता है।कुट्टू के आटे की रोटी खाने से शरीर को बहुत एनर्जी मिलती है, जिसकी वजह से शरीर की अंदरूनी कमजोरी दूर हो जाती है।कुट्टू के आटे में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स अधिक मात्रा में होने के कारण यह लिवर से जुड़ी बीमारियों को भी दूर करता है।कुट्टू के आटे की शेल्फ लाइफ कितनी होती है ?गेहूं के आटे की तुलना में कुट्टू के आटे की शेल्फ लाइफ कम होती है।अगर आप कुट्टू के आटे को फ्रिज में रखते हैं तो यह लगभग 3 महीने तक सही रह सकता है।वहीं, कुट्टू के बीजों की शेल्फ लाइफ लगभग 6 महीना होती है।कुट्टू के आटे की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए अच्छा है कि आप इसे फ्रिज में रखें इससे इसकी शेल्फ लाइफ बढ़ती है।

See also  व्यायाम से रहें फिट

इसके अलावा कुट्टू के आटे को हमेशा सूरज की रोशनी और मॉइश्चर से दूर रखना चाहिए।क्योंकि, मॉइश्चर के संपर्क में आने से इसमें बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगता है.किसी भी चीज में मिलावट होना आजकल के समय में काफी आम हो गया है।ऐसे में बाजार में मिलने वाले कुट्टू के आटे में भी कई तरह की मिलावट की जाती है।असली और नकली कुट्टू के आटे की पहचान उसके रंग से की जाती है।असली कुट्टू के आटे का रंग गहरा भूरा होता है।लेकिन अगर कुट्टू के आटे में किसी तरह की मिलावट की जाती है या वह खराब हो जाता है तो उसका रंग बदल जाता है।मिलावट या खराब कुट्टू के आटे का रंग ग्रे या हल्का हरा दिखाई पड़ सकता है।

See also  इस साल 59 दिन रहेगी बैंड-बाजा व बरात की धूम, जानें- किस महीने, कब हैं मुहूर्त

इसके अलावा नकली कुट्टू का आटा गूंथते समय बिखरने भी लगता है। मालूम हो कि कुट्टू का आटा खाने की वजह से यूपी-हरियाणा में लगभग 300 लोग गंभीर रूप से बीमार हुए हैं।इसे खाने की वजह से लोगों को उल्टी, दस्त और चक्कर आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

See also  सर्दियों में रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए 3 आसान उपाय
Share This Article
Follow:
प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement