हाल ही में नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन में पाया गया है कि डेंगू संक्रमण के मस्तिष्क पर दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को डेंगू हुआ था, उनमें संज्ञानात्मक हानि और स्मृति हानि होने की संभावना अधिक थी।
अध्ययन में लगभग 5,000 लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें से कुछ को डेंगू हुआ था और कुछ को नहीं। डेंगू हुआ था उन लोगों में संज्ञानात्मक हानि और स्मृति हानि होने की संभावना उन लोगों की तुलना में 40% अधिक थी, जिन्हें डेंगू नहीं हुआ था।
शोधकर्ताओं का मानना है कि डेंगू वायरस मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे संज्ञानात्मक हानि और स्मृति हानि हो सकती है। उन्होंने यह भी पाया कि डेंगू के बाद होने वाली जटिलताओं, जैसे कि डेंगू एन्सेफलाइटिस, के कारण भी मस्तिष्क पर दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं।
अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि डेंगू सिर्फ एक बुखार नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर बीमारी है जिसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। यह भी संकेत मिलता है कि डेंगू से बचाव के लिए वैक्सीन विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है।
डेंगू से बचाव कैसे करें?
डेंगू से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छरों से बचना। इसके लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें।
- अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां मच्छरदानी से बंद रखें।
- शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
- मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करें।
यदि आपको डेंगू के लक्षण हैं, जैसे कि तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, उल्टी, या दस्त, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।