अब 10वीं पास भी बीएएमएस कर सकते हैं। नीट यूजी के जरिए होगा प्रवेश। आयुर्वेद में करियर बनाने का सुनहरा मौका।
नई दिल्ली: अब कक्षा 10वीं उत्तीर्ण छात्र भी आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातक (बीएएमएस) पाठ्यक्रम में सीधे प्रवेश ले सकेंगे। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएम) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इस नई व्यवस्था के तहत नीट यूजी परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें शामिल होकर छात्र बीएएमएस में प्रवेश ले सकेंगे।
पाठ्यक्रम की विशेषताएँ
यह पाठ्यक्रम साढ़े सात वर्ष का होगा, जिसमें प्रारंभिक दो वर्ष प्री-आयुर्वेद के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस दौरान विद्यार्थियों को आयुर्वेद के आवश्यक विषयों के साथ संस्कृत और अन्य संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाएगा।
प्रवेश प्रक्रिया
- परीक्षा: कक्षा 10वीं उत्तीर्ण छात्रों को नीट यूजी परीक्षा में सम्मिलित होना होगा।
- पाठ्यक्रम संरचना:
- पहले दो वर्ष प्री-आयुर्वेद पर आधारित होंगे।
- इसके बाद साढ़े चार वर्ष का बीएएमएस पाठ्यक्रम होगा।
- एक वर्ष की अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप भी होगी।
- संस्थान: ये पाठ्यक्रम आयुर्वेद गुरुकुलम नामक संस्थानों में प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक राज्य में एक या दो संस्थान होंगे, जहां विद्यार्थियों को रहकर अध्ययन करना होगा।
प्रवेश की तैयारी
एनसीआइएसएम ने बताया कि यह पाठ्यक्रम 2025-26 सत्र से शुरू होगा, और शिक्षण सत्र प्रतिवर्ष अक्टूबर में प्रारंभ होगा। आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातक पाठ्यक्रम में अब कक्षा 12वीं उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता नहीं रहेगी, जिससे अधिक छात्रों को इस क्षेत्र में कदम रखने का अवसर मिलेगा।
पाठ्यक्रम का उद्देश्य
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के प्रवक्ता डा. राकेश पाण्डेय ने कहा, “इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को संस्कृत के ग्रंथों का गहन अध्ययन कराकर आयुर्वेद चिकित्सक बनाना है।” पहले दो वर्षों में विद्यार्थियों को संस्कृत, भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, गणित, जीवविज्ञान और आयुर्वेद का परिचय दिया जाएगा।
इस नए पाठ्यक्रम के माध्यम से, युवा छात्रों को आयुर्वेद चिकित्सा में प्रवेश पाने का एक नया अवसर मिलेगा, जो भारतीय चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।