नई दिल्ली: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने देश में बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के लिए एक अभिनव और महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस खास योजना का नाम है- ‘एसेट मोनेटाइजेशन रणनीति’। इसका मुख्य उद्देश्य देश की पहले से बनी हुई सड़कों से राजस्व अर्जित करना और उन पैसों का उपयोग नई सड़कों के निर्माण तथा मौजूदा सड़कों के रखरखाव में करना है। साथ ही, यह निजी कंपनियों को भी सड़क परियोजनाओं में निवेश करने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी।
क्या है एसेट मोनेटाइजेशन रणनीति?
सरल शब्दों में, NHAI अब उन सड़कों से अतिरिक्त धन कमाएगा जो पहले से ही बनकर तैयार हैं और परिचालन में हैं। इस अतिरिक्त आय का इस्तेमाल नई सड़कें बनाने और पुरानी सड़कों की मरम्मत व उन्नयन में किया जाएगा। NHAI ने इस कमाई के लिए मुख्य रूप से तीन तरीके अपनाए हैं:
- टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (TOT): इस मॉडल के तहत, सरकार अपनी बनी हुई सड़कों को कुछ निश्चित वर्षों के लिए निजी कंपनियों को चलाने के लिए लीज पर देती है। ये कंपनियाँ टोल टैक्स वसूलती हैं और बदले में सरकार को एक तय रकम का भुगतान करती हैं।
- इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT): यह एक ऐसा निवेश साधन है जिसमें आम लोग और कंपनियाँ सड़क परियोजनाओं में पैसा लगा सकते हैं और बदले में उस निवेश पर मुनाफा कमा सकते हैं। यह रिटेल निवेशकों को भी बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनने का मौका देता है।
- सिक्योरिटाइजेशन (Securitization): इसका अर्थ है भविष्य में सड़कों से होने वाली अनुमानित कमाई को आज के समय में निवेशकों से पैसा लेकर उपयोग करना। यह एक वित्तीय तंत्र है जो भविष्य के राजस्व को वर्तमान वित्तपोषण में बदलता है।
इन तरीकों के माध्यम से NHAI अब तक 6,100 किलोमीटर की सड़कों से करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये की कमाई कर चुका है, जो इस रणनीति की सफलता को दर्शाता है।
NHAI की योजना के तीन प्रमुख स्तंभ
NHAI की यह रणनीति तीन बड़ी बातों पर केंद्रित है, जो इसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं:
- पहले से बनी सड़कों से ज़्यादा कमाई करना: मौजूदा परिसंपत्तियों का अधिकतम उपयोग कर राजस्व बढ़ाना।
- कामकाज में पूरी पारदर्शिता रखना: निवेशकों का भरोसा जीतने और बनाए रखने के लिए प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
- ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को जोड़ना और बाजार को मजबूत बनाना: विभिन्न स्रोतों से पूंजी आकर्षित करना और निवेश बाजार को प्रोत्साहित करना।
NHAI चेयरमैन संतोष कुमार यादव का दृष्टिकोण
NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बताया कि इस रणनीति से सरकार को बार-बार फंड की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और सड़कों की हालत भी लगातार बेहतर होगी। इसके अलावा, यह नीति तकनीक का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करेगी और निजी कंपनियों को भी काम करने का अवसर मिलेगा, जिससे देश में नौकरियों के नए अवसर भी पैदा होंगे।
यह नीति भारत सरकार की 2025 से 2030 तक की व्यापक ‘एसेट मोनेटाइजेशन योजना’ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस योजना में सिर्फ सड़कों ही नहीं, बल्कि रेलवे, एयरपोर्ट जैसी कई अन्य सरकारी संपत्तियों से भी कमाई की जाएगी, जिसका अंतिम लक्ष्य देश में नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति देना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।