क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर की अपनी एक घड़ी होती है?

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इसे सर्केडियन रिदम कहते हैं! ये छोटी सी घड़ी आपकी नींद से लेकर ऊर्जा स्तर तक सब कुछ नियंत्रित करती है।
लेकिन क्या आपको पता है कि इसे बिगाड़ने से आपका मूड, वजन और यहां तक कि आपका दिमाग भी खराब हो सकता है?
सर्केडियन रिदम: आपकी आंतरिक घड़ी सर्कैडियन लय क्या हैं? सर्कैडियन लय शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक परिवर्तन हैं जो एक जीव 24 घंटे के चक्र में अनुभव करता है। प्रकाश और अंधेरे का सर्कैडियन लय पर सबसे बड़ा प्रभाव पड़ता है, लेकिन भोजन का सेवन, तनाव, शारीरिक गतिविधि, सामाजिक वातावरण और तापमान भी इसे प्रभावित करते हैं। यह एक चक्र है जो आपके शरीर को बताता है कि कब सोना है, कब जागना है, और कब क्या करना है। यह आपके शरीर के तापमान, हार्मोन के स्तर, और आपके नींद-जागने के चक्र को नियंत्रित करता है।
यह कैसे काम करता है?
सूर्य के प्रकाश की भूमिका: सर्केडियन रिदम मुख्य रूप से प्रकाश से प्रभावित होता है। जब आप सुबह उठते हैं और सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आते हैं, तो यह आपके शरीर को संकेत देता है कि दिन शुरू हो गया है।
मेलानिन हार्मोन: रात में, जब अंधेरा होता है, तो आपका शरीर मेलानिन नामक हार्मोन का उत्पादन बढ़ाता है, जो नींद को बढ़ावा देता है। सर्केडियन रिदम का महत्व एक स्वस्थ सर्केडियन रिदम आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। यह आपके पाचन, हृदय स्वास्थ्य, और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। साथ ही, यह आपके मूड, एकाग्रता, और ऊर्जा के स्तर को भी नियंत्रित करता है। सर्केडियन रिदम बिगड़ने पर क्या होता है? जब आपकी सर्केडियन रिदम गड़बड़ हो जाती है, तो आपको नींद की समस्याएं, मूड स्विंग्स, पाचन समस्याएं, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह अक्सर तब होता है जब आप अनियमित नींद के पैटर्न का पालन करते हैं, या जब आप बहुत अधिक कृत्रिम प्रकाश (जैसे कंप्यूटर, मोबाइल फोन) के संपर्क में आते हैं।
सर्केडियन रिदम को कैसे संतुलित रखें नियमित नींद का समय: हर रात एक ही समय पर सोने और सुबह एक ही समय पर उठने की कोशिश करें। प्रकाश का महत्व: दिन के दौरान प्राकृतिक प्रकाश में रहें और शाम को नीली रोशनी कम से कम देखें।
आरामदायक वातावरण: सोने के लिए शांत, अंधेरा और ठंडा कमरा बनाएं।
तनाव प्रबंधन: तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग या अन्य तकनीकों का उपयोग करें। नियमित रूप से व्यायाम करें। एक स्वस्थ सर्केडियन रिदम आपके जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार कर सकता है। इसलिए, इसे प्राथमिकता दें और अपने शरीर की आंतरिक घड़ी का सम्मान करें।
 सर्वश्रेष्ठ सोने और उठने का समय सबसे अच्छा समय व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न होता है। हालांकि, कुछ सामान्य दिशानिर्देश हैं जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं:
प्राकृतिक दिनचर्या: आदर्श रूप से, आपको सूर्यास्त के कुछ घंटे बाद सो जाना चाहिए और सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। यह आपके शरीर की प्राकृतिक दिनचर्या के साथ तालमेल बिठाता है।
नियमितता: सबसे महत्वपूर्ण बात है कि हर दिन एक ही समय पर सोएं और उठें। यह आपके सर्केडियन रिदम को नियमित रखने में मदद करता है।
आवश्यक नींद: अधिकांश वयस्कों को प्रति रात 7-9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। अपने लिए सही नींद की अवधि निर्धारित करें।
व्यक्तिगत प्राथमिकताएं: कुछ लोग “सुबह के पक्षी” होते हैं, जबकि अन्य “रात के उल्लू” होते हैं। अपनी प्राकृतिक झुकाव का सम्मान करें।
उदाहरण के लिए: यदि आप सुबह 6 बजे उठना चाहते हैं और आपको 8 घंटे की नींद की आवश्यकता है, तो आपको रात 10 बजे सो जाना चाहिए। यदि आप एक रात का उल्लू हैं और देर रात तक जागना पसंद करते हैं, तो आप रात 12 बजे सो सकते हैं और सुबह 8 बजे उठ सकते हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि आपको पर्याप्त नींद मिल रही है।
याद रखें: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप नियमित नींद का पैटर्न बनाए रखें, चाहे वह दिन का कोई भी समय हो।

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Manisha Singh is a freelancer, content writer,Yoga Practitioner, part time working with AgraBharat.
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