अक्सर अभिभावक बच्चों को काम करवाने के लिए लालच का सहारा लेते हैं। वे कहते हैं कि अगर तुम समय पर होमवर्क पूरा कर लोगे या हॉबी क्लास में अच्छे से सीखोगे, तो तुम्हें चॉकलेट दिलाएंगे या पसंदीदा खिलौना खरीद देंगे। यह कभी-कभार ठीक है, लेकिन जब यह रोज की आदत बन जाए, तो यह बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है।
लालच के कारण बच्चे का ध्यान काम से हटकर पुरस्कार पर केंद्रित हो जाता है। वे काम को जल्दबाजी में और लापरवाही से करने लगते हैं, जिससे उनकी रचनात्मकता और सीखने की क्षमता प्रभावित होती है।
बच्चों को जिम्मेदार और स्वतंत्र बनाने के लिए उन्हें लालच के बजाय प्रेरणा और प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्हें काम के महत्व और उससे मिलने वाले लाभों के बारे में समझाएं।
ज्यादा बोझ ना डालें
अपने बच्चे को परफेक्ट बनाने के फेर में बहुत सारी चीजें करने के लिए उस पर दबाव ना बनाएं। आपका बच्चा सारी चीजों में सही हो जाए, इसकी अपेक्षा ना करें। यह जरूरी नहीं है कि आपका बच्चा पढ़ाई में अच्छा है, अच्छी ड्रॉईंग करता है, खेलों में अच्छा है, तो वो अच्छा गाना भी गाएगा और डांस भी कर लेगा। अपने बच्चे को उतना ही करने दें, जितना वो सहजता से कर पाए। बहुत सारे के प्रयास में वो कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाएगा।
उसका पसंदीदा काम करने दें
छोटे से बच्चे पर अपनी पसंद ना थोपें। उसे वो काम करने दें, जो करना उसे पसंद है। अगर वो डांस क्लास या वॉलीबॉल की क्लास में नहीं जाना चाहता है, तो उसके दोस्त ऐसा कर रहे हैं, यह सोचकर आप उसे भी ऐसा करने के लिए मजबूर ना करें। अगर उसका मन घर में बैठकर कलरिंग करने का है या फिर वह टीवी पर थोड़ी देर के लिए अपना पसंदीदा कार्टून देखना चाहता है, तो इसके लिए आप उसे मना ना करें। अगर आपके पास समय है, तो उसके साथ बैठकर वो काम करें, जिसमें उसे मजा आ रहा हो। उसे बातों-बातों में जिंदगी के बारे में अच्छी बातें बताएं।
इन बातों का रखें ध्यान
बच्चे में किसी भी काम को रचनात्मक तरीके से करने की भावना तभी आएगी, जब उसके अंदर हार का डर नहीं होगा। अभिभावक के तौर पर यह आपका दायित्व है कि अपने बच्चे के अंदर सफलता और असफलता को लेकर सही सोच विकसित करें। अपने बच्चे के अंदर असफलता से भी सीखने का भाव भरें।
अपने बच्चे को पूरा समय दें। भले ही आप कितनी भी व्यस्त क्यों ना हों, दिन का कुछ समय सिर्फ अपने बच्चे के लिए रखें। इस समय में आप उसके मन में उठने वाली जिज्ञासाओं को शांत करें। उसके छोटे-छोटे सवालों का धैर्यपूर्वक जवाब दें। उसे अच्छी कहानियां सुनाएं, इससे
आपके बच्चे की रचनात्मकता बढे़गी।
अपने बच्चे से इस बात की उम्मीद न करें कि वो किसी भी काम को एक ही समय में पूरा कर लेगा। उसे काम पूरा करने के लिए वक्त दें। अपने बच्चे के किसी काम की अवहेलना न करें। तुमने तो सारा खराब कर दिया जैसी बातें भूलकर भी ना करें। अगर कोई चीज खराब हो गई है, तो उससे कहें कि कोई बात नहीं, अगली बार ध्यान रखना।