कहीं आप भी तो नहीं देखते हैं ज्यादा रील्स? हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां 

Honey Chahar
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कहीं आप भी तो नहीं देखते हैं ज्यादा रील्स? हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां 

रील्स देखने की लत युवाओं में हाई बीपी, तनाव और नींद की समस्याओं का कारण बन सकती है। शोधकर्ताओं ने इस आदत को नियंत्रित करने की सलाह दी है।

नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर रील्स या शॉर्ट वीडियो देखना आजकल एक आम बात हो गई है। घर से लेकर ऑफिस तक, हर जगह लोग रील्स में डूबे नजर आते हैं। जैसे ही थोड़ा सा भी समय मिलता है, लोग बातचीत या पढ़ने की बजाय मोबाइल पर रील्स देखने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रील्स देखना आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि रील्स देखने या स्क्रीन टाइम बढ़ने से स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं, खासकर युवाओं में।

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रील्स और स्वास्थ्य पर प्रभाव

रील्स लगातार देखने से शरीर और दिमाग दोनों सक्रिय रहते हैं, जिससे उन्हें आराम नहीं मिल पाता। इससे तनाव का स्तर बढ़ सकता है, जो हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) का कारण बन सकता है। लंबे समय तक स्क्रीन पर बिताने से नींद की गुणवत्ता भी खराब होती है, जिसका सीधा असर हृदय और मस्तिष्क पर पड़ता है।

चौंकाने वाले शोध के नतीजे

बीएमसी जर्नल में प्रकाशित एक चीनी शोध में 4,318 युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रील्स देखने में अधिक समय बिताते हैं, उनमें हाई बीपी और हाइपरटेंशन (अति तनाव) की समस्या दूसरों के मुकाबले अधिक होती है। दिल्ली के एक प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) ने भी इस बात की पुष्टि की है कि रील्स की लत युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर और हाइपर टेंशन के खतरे को बढ़ाती है। उनका कहना है कि स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से बेहतर है कि कुछ समय लोगों से बातचीत करने या अन्य गतिविधियों में बिताया जाए।

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सोते समय रील्स देखना और भी खतरनाक

शोध में सोते समय रील्स देखने के प्रति विशेष चेतावनी दी गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जहाँ पारंपरिक स्क्रीन टाइम में टेलीविजन देखना, वीडियो गेम खेलना और कंप्यूटर का उपयोग करना शामिल है, वहीं रील्स देखने के दौरान शारीरिक गतिविधियां बहुत कम होती हैं। सोते समय रील्स देखना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से हानिकारक साबित हो सकता है। अधिकांश लोग सोने से ठीक पहले शॉर्ट वीडियो देखते हैं, जो कि एक गलत आदत है।

आदत में सुधार की आवश्यकता

हेबेई मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाइपरटेंशन से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली के साथ-साथ सोते समय शॉर्ट वीडियो देखने में बिताए गए स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने की सिफारिश की है। उनका सुझाव है कि रील्स देखने की बजाय किताबें पढ़ें, व्यायाम करें या दोस्तों से मिलें। सोने से पहले फोन का इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर देना चाहिए। इससे न सिर्फ आपकी सेहत बेहतर रहेगी, बल्कि समय की भी बचत होगी।

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