लिवर ट्रांसप्लांट: डोनर का लिवर कितने दिन में होता है फुल साइज?

Deepak Sharma
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लिवर डोनेट करने के बाद डोनर के शरीर में क्या होता है? क्या लिवर फिर से बन जाता है? एक्सपर्ट से जानें

लिवर में जब कोई गंभीर बीमारी हो जाती है, तो डॉक्टर अक्सर लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। यह प्रक्रिया मरीज के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालांकि, लिवर ट्रांसप्लांट के लिए एक स्वस्थ लिवर डोनर की आवश्यकता होती है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जो व्यक्ति अपना लिवर दान करता है, उसके शरीर में बाद में क्या होता है? क्या दान किया गया लिवर का हिस्सा फिर से बन जाता है? और डोनर की सेहत पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है? आइए, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं।

दिल्ली एम्स के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के पूर्व डॉ. अनन्य गुप्ता बताते हैं कि लिवर तब तक कार्य करता रहता है जब तक कि वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त न हो जाए। कुछ गंभीर बीमारियों के कारण लिवर अपना कार्य करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प बचता है। डोनर और मरीज के लिवर के मैच होने के बाद यह प्रक्रिया संपन्न की जाती है। इस प्रक्रिया में, एक स्वस्थ व्यक्ति अपने लिवर का कुछ हिस्सा दान करता है, जिसे मरीज के क्षतिग्रस्त लिवर में प्रत्यारोपित किया जाता है। ट्रांसप्लांट होने के बाद, स्वस्थ लिवर का यह हिस्सा खराब लिवर की मरम्मत करना शुरू कर देता है और धीरे-धीरे उसे कार्य करने योग्य बना देता है।

कितने समय में बनता है लिवर?

डॉ. गुप्ता बताते हैं कि लिवर डोनेट करने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं, जैसे कि डोनर का मूल्यांकन, सर्जरी और उसके बाद की रिकवरी। लिवर डोनेट करने के बाद, डोनर को पूरी तरह से स्वस्थ होने में लगभग 6 महीने तक का समय लग सकता है। सर्जरी के बाद डोनर को लगभग 5 से 7 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है। इसके बाद, लगभग 6 से 8 सप्ताहों में, डोनर का लिवर 80 प्रतिशत तक अपने मूल आकार में पहुंच जाता है। लिवर को पूरी तरह से अपने मूल आकार में वापस आने में लगभग 6 महीने का समय लग जाता है।

लिवर डोनेट करने के बाद किन बातों का रखें ध्यान?

डॉ. गुप्ता लिवर डोनेट करने के बाद डोनर को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने की सलाह देते हैं:

  • डॉक्टर के निर्देशों का पालन: सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
  • समय पर दवाएं: यदि डॉक्टर ने कोई दवाएं prescribed की हैं, तो उन्हें समय पर लेना चाहिए।
  • नियमित जांच: डॉक्टर द्वारा बताई गई नियमित जांचें अवश्य करवानी चाहिए ताकि किसी भी संभावित समस्या का समय पर पता चल सके।
  • स्वस्थ जीवनशैली: डोनर को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और शराब व धूम्रपान से दूरी शामिल हो।
  • वसायुक्त भोजन से बचें: अत्यधिक वसा वाला भोजन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह लिवर पर दबाव डाल सकता है।
  • तला-भुना भोजन न करें: ज्यादा तला हुआ और मसालेदार भोजन भी लिवर के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • नुकसानदायक पदार्थों से दूरी: जब तक लिवर पूरी तरह से अपने मूल आकार में आकर सामान्य रूप से कार्य करना शुरू न कर दे, तब तक किसी भी ऐसे खाद्य पदार्थ या कार्य से बचें जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।

लिवर एक अद्भुत अंग है जिसमें स्वयं को पुनर्जीवित करने की क्षमता होती है। लिवर डोनेट करने के बाद, डोनर का बचा हुआ लिवर धीरे-धीरे बढ़ता है और कुछ महीनों में अपने सामान्य आकार को प्राप्त कर लेता है। सही देखभाल और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, लिवर डोनर एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है।

 

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