समलैंगिक विवाह का भारत में विरोध, कई देशों में है मान्यता

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

नई दिल्ली। समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने की मांग वाली करीब 15 याचिकाओं पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को अपना जवाब दिया है। केंद्र सरकार ने सभी 15 याचिकाओं का विरोध किया। अपने हलफनामे में कहा कि समलैंगिक विवाह को मंजूरी नही दी जा सकती है क्योंकि यह एक भारतीय परिवार की अवधारणा के खिलाफ है। भारत में फैमिली का मतलब पति-पत्नी और उनसे पैदा हुए बच्चे हैं।

समलैंगिक संबंधों को भारतीय परिवार इकाई की अवधारणा के साथ तुलना नहीं की जा सकती है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। ह्यूमन राइट अभियान के अनुसार, अमेरिका में स्थित ‘एलजीबीटीक्यू वकालत समूह’ दुनिया भर में कुल 32 देशों में समलैंगिक विवाह को मान्यता देता है।

हालांकि कानूनी रूप से समलैंगिक विवाह को केवल 10 देशों में अदालत के फैसले से मान्यता मिली है। यहां सेम मैरिज को कानून द्वारा पेश किया गया था और उस पर अदालत द्वारा लीगल की मुहर लगाई गई। तो आइए जानते हैं उन देशों को जहां समलैंगिक विवाह को अपराध नहीं माना जाता। 2003 में मैसाचुसेट्स समान-लिंग विवाह को वैध बनाने वाला संयुक्त राज्य अमेरिका का पहला राज्य बन गया था।

See also  दीपावली से पहले बिक रहे जहरीले बादाम से है कैंसर का खतरा, 1 गिलास पानी लेकर तुरन्त करें नकली बादाम की जांच

2015 तक सभी 50 राज्यों में कानूनी वैधता मिल चुकी थी, लेकिन देश में सेम सेक्स मैरिज बिल को कानून का रूप देने का काम 2022 में हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सेम सेक्स मैरिज बिल को कानून का रूप दे दिया है।उन्होंने इस बिल पर साइन कर समलैंगिक विवाह को मान्यता दे दी थी।इस दौरान बाइडेन ने कहा था कि अमेरिकी नागरिकों को इस पल का काफी लंबे समय से इंतजार था। 2017 में एक राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के बाद, ऑस्ट्रेलिया की संसद ने समान लिंग-विवाह को मान्यता देने वाला कानून पारित किया था। जनमत संग्रह ने भारी समर्थन दिखाया – 62 प्रतिशत से 38 प्रतिशत – कानून के पक्ष में।

See also  दो क्विंटल से ज्यादा चांदी, हीरे की अंगूठी और करोड़ों की नगदी बरामद, पूर्व RTO कांस्टेबल के घर मिला खजाना, आयकर और लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई

आयरलैंड और स्विट्जरलैंड में भी, एलजीबीटीक्यू विवाहों को भारी समर्थन मिला और लोकप्रिय वोटों से मैरिज को औपचारिक मान्यता प्रदान की गई। दक्षिण अफ्रीका 2006 में समलैंगिक विवाहों को वैध बनाने वाला पहला अफ्रीकी देश था।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक फैसले के बाद पूर्व ‘विषमलैंगिक-केवल विवाह’ नीति को समान अधिकारों की गारंटी का उल्लंघन माना गया था। कनाडा में समान-सेक्स जोड़ों के विवाह को 1999 में मान्यता मिल गई थी, हालांकि यह कानूनी रूप से लीगल नहीं था।इस विषय पर कानूनी कार्रवाई 2003 में शुरू हुई, जिसने कनाडा के 13 प्रांतों और क्षेत्रों में से नौ में समलैंगिक विवाह को कानूनी बना दिया।

इसे 2005 में कनाडा की संसद द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता दी गई, जिसके बाद यह कानून पारित किया गया और पूरे देश में इसे कानूनी मान्यता मिल गई।

See also  अगर आपके बाल टूट राज्य हैं तो अपनाएं ये नुस्खा, बालों को लंबे और घने करने का उपाय

2019 में ताइवान समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला पहला एशियाई देश बन गया था।2017 में एक अदालत के फैसले के बाद कानून लाया गया था।

2010 में, अर्जेंटीना देश भर में समलैंगिक विवाह की अनुमति देने वाला पहला लैटिन अमेरिकी देश और दुनिया का 10वां देश बन गया था। एक राष्ट्रीय कानून पारित होने से पहले ही, कई शहरों और स्थानीय इकाइयों ने समलैंगिक जोड़ों के विवाह की अनुमति दी गई थी।

See also  जीजा को नहीं घेर पाई भाजपा, हरियाणा सरकार का हलफनामा, डीएलएफ लैंड डील में कोई गड़बड़ी नहीं थी
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement