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RBI ने बैंकों की ‘मनमानी’ पर लगाई लगाम, अब सिर्फ जुर्माना लगेगा, दंडात्मक ब्याज नहीं!, EMI के नए नियम

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
5 Min Read
RBI ने बैंकों की 'मनमानी' पर लगाई लगाम, अब सिर्फ जुर्माना लगेगा, दंडात्मक ब्याज नहीं!, EMI के नए नियम

अगर आपने कभी लोन लिया है और किसी महीने EMI (Equated Monthly Installment) समय पर नहीं दे पाए हैं, तो आपने देखा होगा कि बैंक या NBFC (Non-Banking Financial Company) आपके ऊपर एक मोटा पीनल इंटरेस्ट यानी दंडात्मक ब्याज ठोक देते थे। न सिर्फ जुर्माना, बल्कि उस जुर्माने पर भी ब्याज। अब इस मनमानी पर RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने सख्ती से ब्रेक लगा दिया है।

अब EMI चूकने पर बैंकों की मनमानी नहीं चलेगी और ग्राहकों पर सिर्फ एक सीमित जुर्माना ही लगाया जा सकेगा। आइए, इस नए नियम को आसान भाषा में समझते हैं।

EMI के नए नियम क्या हैं?

RBI ने साफ कर दिया है कि किसी भी बैंक या NBFC को अब EMI चूकने पर:

  • सिर्फ दंडात्मक शुल्क (Penalty Charges) लगाने की अनुमति है।
  • कोई अतिरिक्त ब्याज (Penal Interest) नहीं जोड़ा जाएगा।

यह नियम सभी तरह के लोन पर लागू होगा, जैसे होम लोन, पर्सनल लोन, व्हीकल लोन आदि।

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मतलब साफ है – अब अगर आपकी EMI चूकती है, तो बैंक सिर्फ एक बार का फाइन लगाएगा, उस पर कोई एक्स्ट्रा ब्याज नहीं ले सकेगा।

पहले क्या होता था?

अब तक होता ये था कि अगर कोई ग्राहक EMI समय पर नहीं भरता था, तो:

  • बैंक उस EMI की रकम पर पीनल इंटरेस्ट लगा देते थे।
  • फिर उस ब्याज को हर महीने जोड़ते जाते थे।
  • इससे लोन की राशि बढ़ती ही जाती थी और ग्राहक पर आर्थिक बोझ बढ़ता चला जाता था।
  • इससे न सिर्फ आम ग्राहक परेशान होते थे, बल्कि कई लोग लोन चुकाने की स्थिति से भी बाहर हो जाते थे।

RBI ने क्यों किया यह बदलाव?

RBI को शिकायतें मिल रही थीं कि कई बैंक और NBFC जानबूझकर EMI चूक पर भारी-भरकम ब्याज वसूल कर रहे हैं। इस कारण ग्राहक:

  • कर्ज के बोझ में दब जाते थे।
  • क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता था।
  • और कई बार वे लीगल ट्रैप में भी फंस जाते थे।

RBI ने इसे “अनुचित उधार देने की प्रथा” कहा और 2024 में एक सख्त गाइडलाइन जारी की – “Fair Lending Practices – Loan Accounts पर दंडात्मक शुल्क”।

अब EMI चूकने पर क्या होगा?

अब EMI नहीं भरने पर बैंक या NBFC आपको:

  • सिर्फ एक फिक्स्ड दंडात्मक शुल्क लगाएंगे, जो स्पष्ट और ट्रांसपेरेंट होगा।
  • इस पर कोई भी अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा।
  • जुर्माने को लोन में शामिल नहीं किया जाएगा (No Capitalization of Penalty)।
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RBI ने ये भी कहा है कि इस जुर्माने की जानकारी लोन के समय ही दी जानी चाहिए ताकि ग्राहक को बाद में कोई सरप्राइज न मिले।

किन लोन पर लागू होगा ये नियम?

ये नया नियम इन सभी लोन पर लागू होगा:

  • होम लोन
  • पर्सनल लोन
  • कार/बाइक लोन
  • एजुकेशन लोन
  • गोल्ड लोन
  • MSME/बिजनेस लोन (कुछ केस में)

किन पर लागू नहीं होगा?

यह नियम इन पर लागू नहीं होगा:

  • क्रेडिट कार्ड पेमेंट
  • बाहरी वाणिज्यिक कर्ज (External Commercial Borrowings)

इन मामलों में अलग तरह की पॉलिसी लागू होती है और RBI का EMI नियम उन पर लागू नहीं होगा।

बैंकों को क्या करना होगा?

RBI ने बैंकों से ये भी कहा है:

  • जुर्माना ग्राहक को पहले से बता दें।
  • पीनल चार्ज को अपनी इनकम बढ़ाने का जरिया न बनाएं।
  • ग्राहकों को EMI चूक के बाद परेशान या धमकाएं नहीं।
  • नियम सबके लिए समान रूप से लागू करें – चाहे छोटा कर्जदार हो या बड़ा।

आम ग्राहकों को क्या फायदा होगा?

  • भारी-भरकम ब्याज से राहत: EMI चूकने पर अब सिर्फ फिक्स्ड फाइन लगेगा।
  • लोन सस्ता होगा: ब्याज नहीं जुड़ने से लोन की कुल राशि नहीं बढ़ेगी।
  • क्रेडिट स्कोर की बचत: EMI मिस होने के बाद भी बैंक ज़्यादा पेनल्टी नहीं ले पाएंगे।
  • मानसिक शांति: EMI चूकने पर हर महीने बढ़ती रकम की टेंशन खत्म।
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ध्यान रखने योग्य बातें

  • EMI समय पर देने की आदत बनाएं, क्योंकि फाइन चाहे कम हो, फिर भी आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर असर जरूर पड़ेगा।
  • अगर किसी कारणवश EMI चूक जाए, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें
  • लोन लेने से पहले डॉक्युमेंट्स को ध्यान से पढ़ें – जुर्माना कितना होगा ये पहले से साफ होना चाहिए।

RBI का ये कदम आम ग्राहकों के लिए बहुत राहत देने वाला है। बैंकों की मनमानी पर नकेल कसकर RBI ने एक सख्त और ज़रूरी फैसला लिया है। इससे न केवल ग्राहकों का आर्थिक शोषण रुकेगा, बल्कि लोन सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी भी बढ़ेगी।

 

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