RBI के नए नियम: माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को लोन देने की खुली छूट, छोटे कर्जदारों को मिलेगी बड़ी राहत

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
6 Min Read
RBI के नए नियम: माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को लोन देने की खुली छूट, छोटे कर्जदारों को मिलेगी बड़ी राहत

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम जनता और खासकर छोटे कर्ज लेने वालों को राहत देने वाला एक बड़ा फैसला लिया है. हाल ही में RBI ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए कुछ बदलाव किए हैं, जिनसे माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को बड़ी राहत मिली है. अब इन कंपनियों के लिए लोन देना और आसान हो जाएगा, जिससे सबसे ज़्यादा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो छोटे-छोटे लोन के लिए इन संस्थाओं का सहारा लेते हैं.

क्या है RBI का नया अपडेट?

RBI ने बैंकों के लिए उपभोक्ता ऋण (Consumer Loan) पर लागू “जोखिम भार” (Risk Weight) को कम कर दिया है. आसान भाषा में समझें तो बैंकों को अब हर लोन पर सुरक्षा के तौर पर पहले जितनी राशि अलग नहीं रखनी पड़ेगी. पहले जब बैंक किसी को लोन देता था तो उसे उस लोन राशि का एक हिस्सा रिज़र्व में रखना होता था ताकि किसी खराब स्थिति में नुकसान से बचा जा सके. लेकिन अब जब RBI ने रिस्क वेट घटा दिया है तो बैंक ज़्यादा लोन दे सकेंगे और उन्हें उतनी रकम रोककर रखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.

See also  क्या आप जानते हैं कि हमारे हिन्दू रीति-रिवाजों में गहरा वैज्ञानिक आधार छुपा है?

Also Read: बैंक लॉकर धारक हो जाएं सावधान! RBI के नए नियम से हजारों लॉकर हो सकते हैं सील, जल्द करें यह काम

नवंबर 2023 के फैसले का असर

नवंबर 2023 में रिज़र्व बैंक ने उपभोक्ता ऋण को लेकर रिस्क वेट को 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था. इसका सीधा असर NBFCs और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर पड़ा था. बैंकों ने इन कंपनियों को फाइनेंस देना कम कर दिया, जिससे ये संस्थाएं ग्राहकों को लोन देने में पिछड़ने लगीं. खासकर छोटे व्यापारियों, महिलाओं और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को इसका नुकसान हुआ था.

जोखिम भार पर अब का फैसला

अब RBI ने समीक्षा के बाद रिस्क वेट को पुराने स्तर पर बहाल कर दिया है. यानी अब फिर से NBFCs को बैंक से लोन मिलना आसान हो जाएगा और वे आगे अपने ग्राहकों को लोन बांटने में सक्षम हो सकेंगी. इसका एक और मतलब ये भी है कि बैंकों को अब माइक्रो फाइनेंस कंपनियों में पैसा लगाने से डर नहीं लगेगा और फाइनेंस का प्रवाह (flow) पहले की तरह बढ़ेगा.

Also Read: एटीएम और क्रेडिट कार्ड पर नए चार्जेज- जानिए आपकी जेब पर क्या होगा असर

किन लोन पर मिलेगा यह फायदा?

RBI ने यह स्पष्ट किया है कि यह राहत केवल उपभोक्ता ऋण की प्रकृति वाले लोन पर लागू नहीं होगी बल्कि माइक्रो फाइनेंस के अंतर्गत आने वाले अन्य प्रकार के ऋण भी इसमें शामिल हैं, बशर्ते वे कुछ मानदंडों पर खरे उतरते हों. इसके लिए RBI ने NBFCs और बैंकों को SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) लागू करने का निर्देश भी दिया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और गलत तरीके से लोन का वितरण न हो.

See also  ग्रासरूट्स जर्नलिज्म गर्दिश के साए में, एक पत्रकार की हत्या महज आंकड़ा नहीं है, बल्कि एक प्रवृति का प्रतीक है

ग्रामीण बैंकों और लोकल बैंक पर भी असर

रिज़र्व बैंक ने यह भी बताया कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs) और स्थानीय क्षेत्र के बैंक (LSBs) द्वारा दिए गए सूक्ष्म वितरण ऋणों पर 100% जोखिम भार लगाया जाएगा. इसका मतलब यह है कि इन बैंकों को माइक्रो फाइनेंस लोन देते वक्त अतिरिक्त सतर्कता रखनी होगी. लेकिन यह फैसला बड़े स्तर पर पारदर्शिता और नियंत्रण को मज़बूत करेगा.

Also Read: Loan चुकाने से पहले मौत हो जाए तो क्या होगा? CIBIL पर असर से पहले जान लें ये Personal Loan Rules

लोन लेने वालों और बैंकों के लिए क्या है फायदा?

इस पूरे फैसले से सबसे बड़ा फायदा आम जनता को मिलेगा, खासकर वो लोग जो बिना ज़्यादा दस्तावेज़ों के कम राशि का लोन चाहते हैं. माइक्रो फाइनेंस कंपनियां अब खुले तौर पर और ज़्यादा लोन देने की स्थिति में होंगी. इसका असर छोटे दुकानदारों, ग्रामीण महिलाओं, स्वरोजगार करने वालों और मज़दूर वर्ग पर पड़ेगा, जिनके लिए यह संस्थाएं बहुत बड़ी मदद बनकर उभरती हैं.

See also  हार्ट ब्लॉकेज: कितने प्रतिशत होने पर सर्जरी जरूरी? एक्सपर्ट की राय

बैंकों के लिए भी यह एक राहत भरा कदम है क्योंकि उन्हें अब कम जोखिम के साथ ज़्यादा कर्ज देने का मौका मिलेगा. इससे उनकी ब्याज़ से कमाई बढ़ेगी और मार्केट में उनकी हिस्सेदारी भी. साथ ही NBFCs के साथ साझेदारी करके वे अधिक ग्राहकों तक पहुंच सकेंगे.

कुल मिलाकर, RBI का यह फैसला देश की माइक्रो इकॉनॉमी के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है. एक तरफ जहां इससे लोन लेने वालों को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर बैंकों और NBFCs के लिए यह व्यापार बढ़ाने का मौका होगा. सही निगरानी और नियमों का पालन करते हुए अगर इस फैसले को सही ढंग से लागू किया गया तो आने वाले दिनों में ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में आर्थिक गतिविधियों में तेज़ी आ सकती है.

Also Read: PM आवास योजना में बड़ा बदलाव! ग्रामीण और शहरी दोनों के लिए नए नियम लागू, अब घर बनाना होगा और आसान

 

See also  Govt Bank Vacancy 2024: इंडियन बैंक में बिना परीक्षा सरकारी नौकरी! आवेदन शुरू, यहां भेज दें फॉर्म
TAGGED:
Share This Article
Content writer
Follow:
Passionate about storytelling and journalism. I provide well-researched, insightful and engaging content here.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement