Success Story: 1500 रुपये के बिजनेस को 3 करोड़ तक पहुंचाया, जानें संगीता की संघर्ष की गाथा

Manasvi Chaudhary
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गोरखपुर: सफलता के लिए बड़ी पूंजी या संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती; मजबूत इरादे और मेहनत ही असली कुंजी है। गोरखपुर की संगीता पांडेय ने इस सिद्धांत को सच्चाई में बदलकर दिखाया है। महज 1500 रुपये से शुरू किया गया उनका छोटा सा बिजनेस आज 3 करोड़ रुपये की कंपनी बन चुका है। इस सफर में उन्होंने न केवल अपने परिवार का भविष्य संवार लिया, बल्कि समाज की कई महिलाओं को भी रोजगार का साधन उपलब्ध कराया है।

संघर्ष से सफलता की ओर

संगीता का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। करीब एक दशक पहले, जब उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, उन्होंने निर्णय लिया कि कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे अतिरिक्त आय हो सके। गोरखपुर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होने के बाद, उन्होंने नौकरी की कोशिश की, लेकिन छोटे बच्चे की देखभाल के कारण यह संभव नहीं हो पाया। अंततः उन्होंने अपने बच्चे को प्राथमिकता दी और नौकरी छोड़ दी।

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मिठाई डिब्बा बनाने का बिजनेस

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संगीता ने 1500 रुपये की पूंजी से मिठाई के डिब्बे बनाने का काम शुरू किया। घर में पड़ी एक पुरानी साइकिल के माध्यम से बाजार जाकर कच्चा माल खरीदा। पहले दिन उन्होंने 100 डिब्बे तैयार किए और उन्हें बाजार में बेचने गईं। शुरुआती मुश्किलों का सामना करते हुए उन्होंने हार नहीं मानी और लखनऊ से सस्ता कच्चा माल खरीदकर मार्केटिंग के गुर सीखे।

गहने गिरवी रखकर लिया लोन

संगीता ने अपने गहने गिरवी रखकर 3 लाख रुपये का लोन लिया और अपने बिजनेस को बढ़ाने की शुरुआत की। लखनऊ और दिल्ली से कच्चा माल लाकर उन्होंने अपने उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार किया। धीरे-धीरे उनका कारोबार बढ़ने लगा, और उन्होंने 35 लाख रुपये का लोन लेकर एक फैक्ट्री खोली। आज उनके पास खुद के वाहन हैं, जिनसे वह सप्लाई करती हैं, साथ ही परिवार के लिए स्कूटी और कार भी खरीद ली हैं।

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समाज के लिए एक मिसाल

संगीता अपने साथ कई महिलाओं को भी रोजगार देती हैं। इस दिवाली, वे गोबर के ऑर्गेनिक दिए बना रही हैं, जिनकी बाजार में काफी डिमांड है। उनकी कंपनी में 100 से अधिक महिलाएं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार कर रही हैं। कई महिलाएं अपने घरों से डब्बे बनाने का काम कर रही हैं, ताकि वे अपने बच्चों की देखभाल करते हुए कमाई भी कर सकें। इसके अलावा, दिव्यांग और मूक-बधिर व्यक्तियों को भी रोजगार का अवसर मिला है।

संगीता की सफलता की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

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