गर्मियों में तरबूज: स्वाद या जहर? असली-नकली की पहचान

Honey Chahar
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गर्मियों में तरबूज: स्वाद या जहर? असली-नकली की पहचान

गर्मियों का मौसम आते ही तरबूज का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। यह फल ना केवल ठंडक प्रदान करता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। तरबूज में 92 प्रतिशत पानी होता है और इसमें कम शुगर की मात्रा होती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए भी उपयुक्त है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अब तरबूज सिर्फ स्वाद और ताजगी का ही नहीं, बल्कि एक खतरनाक जहर का रूप भी ले सकता है? जी हां, आपने सही सुना। आजकल के मुनाफाखोरों के कारण तरबूज में ऐसे खतरनाक केमिकल मिलाए जा रहे हैं, जो आपकी सेहत के लिए जानलेवा हो सकते हैं।

तरबूज: स्वाद नहीं, जहर हो सकता है!

पुराने समय में जब हम तरबूज काटते थे और उसका रंग गहरा लाल होता था, तो हम उसे तुरंत खरीद लेते थे, यह सोचकर कि यह मीठा और ताजगी से भरा हुआ होगा। लेकिन अब समय बदल चुका है। अब ये मीठे और लाल रंग के तरबूज आपको अपनी सेहत के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बना सकते हैं।

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कभी आपने सोचा है कि यह लाल रंग और मिठास आ कहां से रही है? तो आपको बता दें कि अब तरबूज में आर्टिफिशियल शुगर और रंग मिलाए जा रहे हैं, जिससे यह मीठा और आकर्षक दिखता है। इस प्रक्रिया में उपयोग होने वाले केमिकल आपके शरीर के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं।

मुनाफाखोरी के लिए इस्तेमाल हो रहे खतरनाक केमिकल

गर्मी के मौसम में जब तरबूज की मांग बढ़ती है, तो कुछ उत्पादक इसे जल्दी से बड़ा और मीठा बनाने के लिए आर्टिफिशियल तरीके अपनाते हैं। इस प्रक्रिया में, ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, नाइट्रेट, कैल्शियम कार्बाइड, और नाइट्रोजन जैसे खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये सभी तत्व तरबूज को तेजी से बढ़ाते हैं, लेकिन ये हमारी सेहत के लिए जहर साबित हो सकते हैं।

कई बार, ये तरबूज बढ़े हुए आकार और लाल रंग में विक्रेताओं के लिए आकर्षण का कारण बनते हैं, लेकिन इसके पीछे की असलियत बहुत ही डरावनी है। इन केमिकल्स के कारण तरबूज में मिठास तो आ जाती है, लेकिन शरीर के अंदर जाकर ये आपकी किडनी, लिवर और आंतों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।

आर्टिफिशियल तरबूज से होने वाले खतरे

आर्टिफिशियल रंगों और केमिकल्स का सेवन करने से आपको निम्नलिखित गंभीर समस्याएं हो सकती हैं:

  1. फूड पॉइजनिंग – तरबूज में मिलाए गए आर्टिफिशियल रंग और केमिकल्स से आपको फूड पॉइजनिंग हो सकती है।

  2. किडनी और लिवर की समस्या – कैल्शियम कार्बाइड और नाइट्रोजन के कारण किडनी और लिवर की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है।

  3. कैंसर – आंतों और अमाशय में इन केमिकल्स को पचाने के चक्कर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।

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कैसे पहचानें असली और नकली तरबूज?

आपके सेहत को खतरे में डालने वाले आर्टिफिशियल तरबूज को पहचानना उतना मुश्किल नहीं है। यदि आप थोड़ी सी सूझबूझ से काम लें, तो आप आसानी से असली और नकली तरबूज में फर्क कर सकते हैं। यहां कुछ आसान तरीके दिए जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप असली और नकली तरबूज की पहचान कर सकते हैं:

1. तरबूज का रंग चेक करें

तरबूज को बीच से काटने के बाद उसे 5 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर एक सफेद कपड़ा या रूई लें और तरबूज के किनारे और बीच के हिस्से में रगड़ें। यदि कपड़ा या रूई का रंग लाल हो जाए, तो समझ जाइए कि वह तरबूज नकली है और उसमें केमिकल्स मिलाए गए हैं।

2. सफेद पाउडर से बचें

कुछ तरबूजों में सफेद पाउडर नजर आता है, जिसे लोग धूल-मिट्टी समझकर खरीद लेते हैं। यह सफेद पाउडर दरअसल कैल्शियम कार्बाइड है, जो कि एक खतरनाक केमिकल है। ऐसे तरबूजों से बचें।

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3. बड़े तरबूज से बचें

बाजार में अक्सर बड़े-बड़े तरबूज सस्ते में मिलते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह सेहतमंद हों। हो सकता है कि इन्हें केमिकल्स के जरिए बड़ा किया गया हो। ऐसे तरबूज से बचें।

4. पीला घेरा चेक करें

असली तरबूज के नीचे या साइड में पीला घेरा होता है, जो यह दर्शाता है कि यह तरबूज खेत में जमीन से संपर्क में रहा है। यह प्राकृतिक रूप से उगता है और बिना किसी केमिकल के होता है। इसलिए, अगर आप तरबूज खा रहे हैं तो ऐसे तरबूज को प्राथमिकता दें।

अब आप समझ ही गए होंगे कि तरबूज कैसे जहर का रूप ले सकता है। गर्मी के मौसम में तरबूज खाने का मन करना स्वाभाविक है, लेकिन यह जरूरी है कि आप असली और नकली तरबूज में फर्क समझें। अपनी सेहत के प्रति जागरूक होकर आप अपने परिवार को इन खतरनाक केमिकल्स से बचा सकते हैं। हमेशा अच्छे और प्राकृतिक फल ही खरीदें और अपनी सेहत का ख्याल रखें।

 

 

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