दीपावली से पहले बिक रहे जहरीले बादाम से है कैंसर का खतरा, 1 गिलास पानी लेकर तुरन्त करें नकली बादाम की जांच

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दीपावली पर मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वाले सक्रिय हो जाते है।दिवाली का समय नजदीक है और इस पर्व पर बादाम का खूब इस्तेमाल किया जाता है, बादाम के अनगिनत फायदे हैं और यह फायदे असली बादाम खाने से मिलते हैं, बाजार में नकली और केमिकल वाली बादाम बेचे जा रहे हैं, आप इनकी आसानी से जांच कर सकते हैं।

फेस्टिव सीजन जारी है और जल्द ही दिवाली का पर्व भी आने वाला है। जाहिर है दिवाली पर विभिन्न तरह के पकवान और मिठाई बनाई जाती हैं। इस दिन उपहार लेने-देने का प्रचलन भी है। उपहार हों या पकवान सभी में बादाम का खूब इस्तेमाल किया जाता है।

बादाम से कई तरह के मिठाई-पकवान बनाए जाते हैं और उपहार के रूप में भेंट किये जाते हैं। सोचो क्या हो, जो बादाम आप इस्तेमाल कर रहे हैं वो नकली हों, जहरीले हों या बेहद घटिया किस्म के हों। बादाम ऐसा नट है जो बेहतर पौष्टिक, स्वादिष्ट और फायदेमंद है। हालांकि बादाम में मिलावट आपके लिए गंभीर खतरा बन सकती है।

 

डॉक्टर्स के अनुसार, कारोबारी बादाम का रंग और चमक को बढ़ाने के लिए हानिकारक रसायनों जैसे हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ब्लीचिंग एजेंटों का उपयोग करते हैं। इन मिलावटी बादामों का सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। चलिए जानते हैं कि बादाम में मिलावट आपकी सेहत के लिए कैसे खतरनाक हो सकती है और आप असली-नकली बादाम की पहचान कैसे कर सकते हैं।

बादाम असली है नकली, इसकी जांच करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

मुट्ठी भर बादाम लें और उन्हें एक साफ कटोरी या कंटेनर में रखें। ध्यान रहे कि कंटेनर साफ हो।

कटोरी में बादाम को पूरी तरह से डुबाने के लिए पर्याप्त पानी डालें। उन्हें रात भर भिगोने दें।

अगली सुबह, बादाम को पानी से निकालें और उनका छिलका उतार दें। प्राकृतिक बादामों की त्वचा आसानी से निकल जाएगी, जिससे नीचे एक साफ, सफेद बादाम दिखाई देगा।

पानी का रंग जांचें। यदि यह साफ रहता है, तो बादाम संभवतः मिलावट रहित हैं।

यदि पानी भूरा रंग बदल जाता है तो इसका मतलब है कि बादाम में केमिकल का इस्तेमाल किया गया है।

पानी वाला टेस्ट क्यों है कारगर

पानी वाला टेस्ट क्यों है कारगर

हाइड्रोजन पेरोक्साइड का अक्सर ब्लीचिंग के लिए उपयोग किया जाता है, हाइड्रोजन पेरोक्साइड पानी के साथ रिएक्शन करता है। यही कारण है कि जब मिलावटी बादाम भिगोए जाते हैं तो पानी भूरा या थोड़ा पीला हो सकता है। जब ब्लीचिंग एजेंट पानी के संपर्क में आते हैं, तो वे अवशेष छोड़ते हैं जो घुल जाते हैं और पानी का रंग बदल देते हैं। यह प्रतिक्रिया रासायनिक मिलावट का एक स्पष्ट संकेत है। शुद्ध बादाम में प्राकृतिक तेल होते हैं जो पानी का रंग नहीं बदलते हैं। कोई भी महत्वपूर्ण परिवर्तन आमतौर पर कृत्रिम पदार्थों की ओर इशारा करता है।

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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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