डिप्रेशन में फायदा होता है पक्षियों के साथ रहने से, पक्षियों को देखने, सुनने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार का दावा

Dharmender Singh Malik
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लंदन । यूके के शोधकर्ताओं ने पाया है कि पक्षियों को देखने और सुनने का हमारी मानसिक स्वास्थ्य के सुधार से संबंध है जिसका असर कम से कम 8 घंटों तक रह सकता है। इतना ही नहीं, इसका फायदा डिप्रेशन के शिकार लोगों को भी होता है। लंदन के किंग्स कॉलेज के इस नए अध्ययन में पाया गया है कि इस तरह से मानसिक स्वास्थ्य में बेहतरी उन लोगों में भी पाई गई है जिन्हें डिप्रेशन का शिकार पाया गया है।

डिप्रेशन दुनिया सबसे सामान्य रूप से होने वाली मानसिक बीमारी है। इस अध्ययन से साफ होता है कि पक्षियों का जीवन मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित लोगों के जीवन में मदद करने में सक्षम है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने अर्बन माइंड नाम की एक स्मार्टफोन एप्लिकेशन का उपयोग किया और लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की रिपोर्ट क साथ उनकी पक्षियों को देखने और उनकी आवाज और संगीत सुनने की रिपोर्ट की जानकारी भी जमा की।

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लंदन के किंग्स कॉलेज के इंस्टीट्यूट ऑफ साइकियाट्री, साइकोलॉजी एंड न्यूरोसाइंस के रिसर्च असिस्टेंट और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक रेयान हैमण्ड ने बताया कि इस बात के बढ़ते प्रमाण मिल रहे हैंकि प्रकृति के पास रहने से मानसिक सेहत को फायदा मिलता है और वे (शोधकर्ता) भी सोचते हैं कि पक्षियों और उनके संगीत की उपस्थिति हमारे मूड को बेहतर कर सकती है। लेकिन इस क्षेत्र में कम ही शोधकार्य हुआ है जिसमें वास्तविक समय में पक्षियों के मानसिक सेहत पर असर की पड़ताल हुई हो।

अरबन माइंड एप का उपयोग कर शोधकर्ताओं ने पहली बार दर्शाया है कि पक्षियों को देखने और सुनने का अच्छे मूड से सीधा संबंध है। उन्हें उम्मीद है कि यह प्रमाण केवल जैवविविधता के लिए ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी पक्षियों के संरक्षण और पर्यावरण को प्रोत्साहित करने और उसके महत्व को प्रदर्शित करता है।

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इस अध्ययन में अप्रैल 2018 से अक्टूबर 2021 केबीच 1292 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था जिसमें किंग्स कॉलेज द्वारा विकसित किए गए अर्बन माइंड ऐप का उपोयकर प्रतिभागियों ने 26,856 राय दीं। प्रतिभागियों में दुनिया भर से लोग शामिल किए गए थे जिसमें अधिकांश यूके, यूरोपीय संघ और अमेरिका के थे।इस ऐप ने प्रतिभागियों से दिन में तीन बार पूछा कि क्या वे पक्षियों को देख या सुन पाए या नहीं। इसके बाद उनसे उनके मानसिक सेहत की स्थिति के बारे में पूछा गया। इससे शोधकर्ताओं को दोनों के बीच संबंध का पता लगाने का मौकामिला और वे यह भी अंदाजा लगा सके कि इसका असर कितनी देर रह पाता है। इस अध्ययन में मानसिक सेहत के निदान संबंधी जानकारी हासिल करने में भी शोधकर्ता सफल रहे।

शोध में स्पष्ट रूप से पाया गया कि पक्षियों को देखने और सुनने का सेहतमंद और मानसिक रूप से पीड़ित दोनों ही तरह के लोगों को फायदा मिलता देखा गया। शोधकर्ताओं ने दर्शाया कि पक्षियों और मानसिक सेहत के बीच के संबंध में किसी तरह से पर्यावरण कारकों का संबंध नहीं है। लेकिन इतना निश्चित है कि पक्षियों को रोज देखने सुनने से मानसिक सेहत अच्छी बनी रह सकती है। कहते हैं कि प्रकृति के पास रहने से मन को शांति मिलती है सुकून मिलता है। लेकिन क्या इसका मतलब यह भी है कि अगर हम पक्षियों के पास रहें, उन्हें देखें, उनकी आवाज सुनें तो हमारी दिमागी सेहत बेहतर रखने में मदद मिलेगी?

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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