ये लोग न खाएं बाजरे की रोटी, भुगतना पड़ सकता है गंभीर फल: स्वास्थ्य विशेषज्ञ की चेतावनी

Manisha singh
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बाजरे की रोटी
आगरा: बाजरे की रोटी भारतीय घरों में एक पारंपरिक और लोकप्रिय भोजन है, खासकर सर्दियों के मौसम में। यह खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में आमतौर पर खाई जाती है। हालांकि, बाजरे की रोटी के फायदे अनगिनत हो सकते हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ लोगों को बाजरे की रोटी से नुकसान हो सकता है, खासकर यदि इसे गलत तरीके से या अधिक मात्रा में खाया जाए।

बाजरे की रोटी: स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद या हानिकारक?

बाजरे की रोटी को एक पौष्टिक आहार माना जाता है, क्योंकि यह फाइबर, प्रोटीन, और विटामिन बी6, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ लोगों को बाजरे की रोटी से होने वाली समस्याओं का सामना भी हो सकता है।

बाजरे में फाइटिक एसिड होता है, जो शरीर में खनिजों के अवशोषण में रुकावट डाल सकता है। फाइटिक एसिड आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे खनिजों के अवशोषण को प्रभावित करता है, जो विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है, जिन्हें इन खनिजों की जरूरत होती है।

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किसे नहीं खानी चाहिए बाजरे की रोटी?

  1. किडनी रोगी: बाजरे में मौजूद फाइटिक एसिड और ऑक्सलेट्स किडनी रोगियों के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इन पदार्थों के कारण किडनी में पत्थरी बनने का खतरा बढ़ सकता है।
  2. गैस्ट्रिक समस्याएं: बाजरे की रोटी अधिक मात्रा में खाने से पेट में गैस और सूजन हो सकती है। इसे पचाने में कुछ लोगों को कठिनाई हो सकती है, खासकर जिनमें पहले से पेट की समस्याएं हैं।
  3. आयरन की कमी से ग्रस्त लोग: बाजरे में आयरन की मात्रा तो होती है, लेकिन फाइटिक एसिड के कारण यह अवशोषित नहीं हो पाता। इसलिए, जिन लोगों में आयरन की कमी है, उन्हें इसे अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए।
  4. गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को बाजरे की रोटी का सेवन अत्यधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके कारण कैल्शियम और आयरन के अवशोषण में कमी हो सकती है, जो गर्भावस्था के दौरान आवश्यक होते हैं।
  5. शुगर और डायबिटीज़ के मरीज: बाजरे में गेटी (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) कम होता है, जिससे यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अगर इसे अत्यधिक मात्रा में खाया जाए तो रक्त शर्करा स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
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स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बाजरे की रोटी को ताजे आटे से बनाना और इसे संतुलित मात्रा में खाना चाहिए। विशेष रूप से जो लोग पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें बाजरे की रोटी खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त, बाजरे की रोटी के साथ हरी सब्जियां और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, ताकि शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिल सकें।

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि बाजरे की रोटी का सेवन सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है, क्योंकि यह शरीर को गर्मी प्रदान करती है और हड्डियों को मजबूत बनाती है। हालांकि, इसे केवल सटीक मात्रा में और सही समय पर ही खाना चाहिए।

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Manisha Singh is a freelancer, content writer,Yoga Practitioner, part time working with AgraBharat.
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