आगरा: अगर आप भी रोज़मर्रा की जिंदगी में Google Pay, PhonePe या Paytm जैसे UPI ऐप्स से पेमेंट करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि 1 अगस्त 2025 से पूरे देश में UPI सिस्टम में बड़े बदलाव लागू होने वाले हैं। NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने UPI के कुछ नए नियम जारी किए हैं जो सीधे 40 करोड़ से ज़्यादा यूज़र्स को प्रभावित करेंगे।
हाल के महीनों में UPI ट्रांजैक्शन की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, जिससे सिस्टम पर भारी लोड पड़ रहा था। 12 अप्रैल 2025 को सर्वर डाउन होने की घटना (करीब 5 घंटे तक सिस्टम बंद रहा) के बाद NPCI ने इन सख्त लेकिन जरूरी कदमों को उठाने का फैसला किया है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों।
UPI के 3 प्रमुख नए नियम
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बैलेंस चेक लिमिट: अब आप दिनभर में सिर्फ 50 बार ही अपने बैंक बैलेंस की जानकारी UPI ऐप्स से ले सकेंगे। पहले लोग बिना जरूरत दिन में दर्जनों बार बैलेंस चेक करते थे, जिससे UPI सिस्टम पर बेवजह का लोड पड़ता था।
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बैंक अकाउंट्स देखने की लिमिट: अगर आपने एक ही मोबाइल नंबर से कई बैंक अकाउंट लिंक कर रखे हैं और दिन में बार-बार चेक करते हैं कि कौन-कौन से अकाउंट जुड़े हैं, तो अब ऐसा सिर्फ 25 बार ही कर पाएंगे।
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ऑटो पेमेंट टाइमिंग: Netflix, Amazon Prime जैसी सेवाओं के लिए ऑटोमैटिक पेमेंट्स (AutoPay) अब सिर्फ कुछ खास समय पर ही होंगे:
- सुबह 10 बजे से पहले
- दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच
- रात 9:30 बजे के बाद इससे UPI का सर्वर व्यस्त समय में फ्री रहेगा और बड़ी संख्या में ट्रांजैक्शन बिना रुके पूरे हो सकेंगे।
इन बदलावों से क्या फायदे होंगे?
- UPI सिस्टम पहले से ज्यादा स्थिर और तेज़ होगा।
- अचानक से सर्वर क्रैश होने की घटनाएं कम होंगी।
- फ्रॉड मामलों में कमी आएगी, क्योंकि बार-बार की गई कोशिशें सीमित होंगी।
- सभी यूज़र्स को समय पर ट्रांजैक्शन पूरा करने में मदद मिलेगी।
अब आपको क्या करना चाहिए?
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो बिना जरूरत कई बार बैलेंस चेक करते हैं या जिनके दर्जनों ऑटो-पेमेंट्स सेट हैं, तो ये आदतें अब बदलनी होंगी।
- बैलेंस तभी चेक करें जब वास्तव में जरूरत हो।
- हर अकाउंट की डिटेल बार-बार न चेक करें।
- AutoPay का समय ध्यान में रखें ताकि पेमेंट फेल न हो।
- अपने UPI ऐप्स को समय-समय पर अपडेट करते रहें।
- नए नियमों की पूरी जानकारी रखें ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
दुकानदार और छोटे कारोबारी क्या करें?
अगर आप दुकानदार हैं और रोज़ सैकड़ों ट्रांजैक्शन UPI से करते हैं, तो इन नियमों का असर आपके कस्टमर्स पर जरूर पड़ेगा।
- ग्राहकों को नए नियमों के बारे में जानकारी दें।
- पेमेंट से पहले बैलेंस और नेटवर्क की स्थिति चेक करने को कहें।
- अगर डिजिटल पेमेंट में दिक्कत आए तो कैश या अन्य विकल्प तैयार रखें।
NPCI का यह कदम UPI सिस्टम को सुरक्षित, तेज और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक मजबूत और आवश्यक कदम है। बदलते वक्त में जहां डिजिटल पेमेंट्स आम हो चुके हैं, वहीं सिस्टम को भरोसेमंद और सुरक्षित बनाए रखने के लिए इस तरह के बदलाव ज़रूरी हो जाते हैं। अब समय है कि हम अपनी आदतों में बदलाव लाएं और स्मार्ट यूज़र बनें।