क्या है पीरियड्स और ठोड़ी पर बाल का कनेक्शन? महिलाएं न करें इसे नजरअंदाज

Manasvi Chaudhary
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ठोड़ी पर बाल उगना क्यों? जानिए पीसीओडी और अन्य कारण। हार्मोनल असंतुलन, जेनेटिक्स, और दवाओं का प्रभाव। लेजर ट्रीटमेंट और अन्य उपचार के बारे में जानें। #पीसीओडी #ठोड़ीपरबाल #महिलास्वास्थ्य

ब्यूटीफुल लुक्स के लिए लड़कियां अक्सर चेहरे पर थ्रेडिंग, वैक्सिंग या शेविंग कराती हैं ताकि अनचाहे बालों से छुटकारा मिल सके। आइब्रो और अपर लिप पर बाल आना सामान्य है, लेकिन ठोड़ी पर बाल उगना एक समस्या है। लंबे और कड़े बाल कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं। यदि किसी महिला की ठोड़ी पर इस तरह के बाल उग रहे हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

हॉर्मोन्स की गड़बड़ी

दिल्ली स्थित मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. कशिश कालरा के अनुसार, अगर किसी महिला की चिन पर सख्त बाल हैं, तो इसे मेडिकल भाषा में हिरसूटिज्म (hirsutism) कहा जाता है। इसका मुख्य कारण हॉर्मोन्स में असंतुलन हो सकता है। हर महिला में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे फीमेल हॉर्मोन्स के साथ ही कुछ मात्रा में मेल हॉर्मोन भी होते हैं। जब इनका स्तर बढ़ता है, तो ठोड़ी पर बाल उगने लगते हैं।

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पीसीओडी से कनेक्शन

डॉ. कशिश कालरा बताती हैं कि ठोड़ी पर बाल उगना अक्सर पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) का संकेत हो सकता है। कई लड़कियों को अनियमित पीरियड्स की समस्या नहीं होती, फिर भी वे इस बीमारी का शिकार होती हैं। पीसीओडी के अन्य लक्षणों में चेहरे पर मुहांसे, स्कैल्प में गंजापन और मोटापा शामिल हैं। अगर ये लक्षण हैं, तो डॉक्टर अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट कराते हैं।

जेनेटिक कारक

कभी-कभी, ठोड़ी पर बाल उगना जेनेटिक हो सकता है। यदि किसी लड़की की मां, मासी या दादी को भी यही समस्या है, तो संभावना है कि उसे भी यही समस्या हो सकती है। अगर यह जेनेटिक नहीं है, तो डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं।

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दवाओं का प्रभाव

कुछ दवाओं, जैसे स्टेरॉइड्स, के सेवन से भी ठोड़ी पर बाल उग सकते हैं। कई महिलाएं खूबसूरती के लिए स्टेरॉइड युक्त क्रीम का उपयोग करती हैं, जिससे उनकी त्वचा को नुकसान होता है।

लेजर ट्रीटमेंट के फायदे

अगर ठोड़ी पर अनचाहे बाल हैं, तो इसके लिए हॉर्मोन्स से संबंधित दवाओं के साथ-साथ लेजर ट्रीटमेंट भी उपयोगी हो सकता है। यह तकनीक लगभग 70% तक बालों को हटा देती है और उन्हें सॉफ्ट बनाती है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि यदि बाल सफेद हैं या हल्के रंग के हैं, तो लेजर का असर नहीं होगा।

इलेक्ट्रोलिसिस भी एक विकल्प

ठोड़ी के बालों को इलेक्ट्रोलिसिस तकनीक से भी हटाया जा सकता है, जिसमें एक-एक कर बालों को जलाया जाता है। हालांकि, यह प्रक्रिया काफी दर्दनाक हो सकती है।

थ्रेडिंग या वैक्सिंग से बचें

डॉ. कालरा के अनुसार, ठोड़ी पर थ्रेडिंग या वैक्सिंग नहीं करानी चाहिए। यदि कोई महिला लेजर ट्रीटमेंट नहीं करवा सकती, तो वह ठोड़ी के बालों को शेव कर सकती है या ब्लीचिंग करवा सकती है। थ्रेडिंग या वैक्सिंग से दाने, रैशेज या एक्ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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मेनोपॉज का प्रभाव

कई बार, मेनोपॉज के समय भी ठोड़ी पर बाल उग सकते हैं, क्योंकि महिलाओं में ओवरी काम करना बंद कर देती हैं और हॉर्मोन्स का स्तर कम हो जाता है। यह पीसीओडी नहीं माना जाता, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान भी हॉर्मोन्स में बदलाव से ठोड़ी पर बाल उग सकते हैं।

अगर आपकी ठोड़ी पर अनचाहे बाल उग रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। सही निदान और उपचार के लिए जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

 

 

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