आजकल हृदय रोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिसका मुख्य कारण हमारी बदलती जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खानपान है। दिल की नसों में ब्लॉकेज (रुकावट) एक आम समस्या है, जो हृदय में रक्त के प्रवाह को बाधित करती है। शुरुआती अवस्था में इसे दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर कितने प्रतिशत ब्लॉकेज होने पर हार्ट सर्जरी करवाना जरूरी हो जाता है? इस महत्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अजीत जैन से बात की।
हार्ट ब्लॉकेज क्या है?
डॉक्टर अजीत जैन बताते हैं कि जब हमारी खानपान की आदतें अनियमित होती हैं या शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, तो यह कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे दिल की रक्त वाहिकाओं (धमनियों) की दीवारों पर जमा होने लगता है। समय के साथ, यह जमाव सख्त हो जाता है और धमनियों को संकुचित कर देता है, जिससे हृदय तक रक्त का प्रवाह बाधित होने लगता है। इसी स्थिति को हार्ट ब्लॉकेज कहा जाता है। यदि यह ब्लॉकेज गंभीर हो जाए, तो हार्ट अटैक (हृदयघात) का खतरा काफी बढ़ जाता है।
कब पड़ती है सर्जरी की जरूरत?
डॉक्टर अजीत जैन के अनुसार, यदि हृदय की नसों में ब्लॉकेज 50% से कम है, तो आमतौर पर इसे दवाइयों और स्वस्थ खानपान की आदतों को अपनाकर ठीक किया जा सकता है। हालांकि, यदि ब्लॉकेज 70% से अधिक हो जाता है और मरीज को सीने में दर्द (एंजाइना) या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर आमतौर पर एंजियोप्लास्टी (stenting) या बाईपास सर्जरी करने की सलाह देते हैं।
डॉक्टर जैन इस बात पर जोर देते हैं कि 90% से अधिक ब्लॉकेज की स्थिति में तुरंत इलाज आवश्यक है, क्योंकि यह जानलेवा हो सकती है और हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। ऐसे मामलों में, हृदय को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
ब्लॉकेज के सामान्य लक्षण क्या हैं?
हार्ट ब्लॉकेज के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं, जिन्हें पहचानकर समय पर डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है:
- सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना (एंजाइना)
- चलते-फिरते जल्दी थक जाना
- सांस फूलना (डिस्पनिया)
- कभी-कभी चक्कर आना
- हाथ, कंधे या जबड़े में दर्द महसूस होना
- अत्यधिक पसीना आना
- मतली या उल्टी महसूस होना
अपने दिल को स्वस्थ कैसे रखें?
डॉक्टर अजीत जैन हृदय को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आदतों को अपनाने की सलाह देते हैं:
- नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट तक तेज चलना या हल्का-फुल्का व्यायाम करना हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।
- स्वस्थ आहार: जंक फूड, अत्यधिक तला हुआ और मीठा भोजन, और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा को अपने आहार में शामिल करें।
- तनाव प्रबंधन: अत्यधिक तनाव से बचें और तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य तकनीकों का अभ्यास करें।
- पर्याप्त नींद: रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना हृदय स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- धूम्रपान और शराब से दूरी: धूम्रपान और शराब का सेवन हृदय रोगों के खतरे को बढ़ाता है, इसलिए इनसे दूर रहना चाहिए।
- नियमित हेल्थ चेकअप: आज के समय में हृदय रोगों की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए, साल में एक बार नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाना बेहद जरूरी है। इससे शुरुआती अवस्था में ही हृदय संबंधी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है और उनका उचित इलाज किया जा सकता है।