आजकल आम तौर पर कामकाजी महिलाओं को घर आते-आते रात हो जाती है। कुछ नौकरियां भी देर तक काम करने वाली हैं जैसे समाचार माध्यमों में या दुकानों में सेल्सगर्ल आदि की। आधुनिक जीवन शैली में रात की पार्टियों में भी आना-जाना पड़ सकता है। महिलाओं के साथ छीना-झपटी, अपहरण, छेडख़ानी आदि की घटनाएं प्राय: रात में ही घटती हैं। ऐसे में रात में सुरक्षा को देखते हुए कुछ बातें ध्यान में रखकर आप ऐसी घटनाओं से बच सकेंगी।
आपका पहनावा अधिक तड़क-भड़क वाला न हो। भड़कीला परिधान मनचलों को आकर्षित करता है।
आभूषण पहनकर रात को न चलें। लुटेरों की नजर आभूषणों पर रहती है। किसी पार्टी आदि से लौट रही हों तो आभूषण उतारकर बैग में रख लें।
पैदल व्यस्त मार्ग से ही जाएं। महिलाओं के साथ दुर्घटनाएं प्राय: सुनसान मार्गों पर ही घटती हैं। दूसरे सुनसान मार्गों पर जल्दी मदद भी नहीं मिलती। हमेशा सीधे सामने देखते हुए चलें। रुक-रुक कर या इधर-
उधर देखते हुए चलने वाली महिला पर शक किया जा सकता है और ऐसे में दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है।
रात में अजनबी से मुस्कुराकर बातें न करें। मुस्कुराहट को अन्यथा ले लिया जाता है।
बस मिलने की संभावना हो तो बस की प्रतीक्षा करें। आटो, कार आदि में सफर न करें।
यदि कार/आटो में सफर करना मजबूरी हो तो किसी अन्य को भेजकर सवारी वहीं मंगाएं जहां से प्रस्थान करना हो।
जिस सवारी में भी सफर करना हो, उसमें चढऩे से पूर्व उसका नम्बर पढ़ लें और चढ़कर उसका नम्बर नोट कर बैग में डाल लें। यह नंबर दिमाग में भी रहना चाहिए।
मोबाइल फोन हो तो गाड़ी में चढऩे के बाद घर पर फोन पर बता दें कि किस गाड़ी में सफर कर रही हैं और क्या नंबर है।
यदि आप किराए की सवारी में अकेले ही सफर कर रही हैं तो ड्राइवर को परिचित मार्ग से ही ले जाने का आदेश दें।
अगर आपको लगता है कि कोई आपका पीछा कर रहा है तो किसी घर पर दस्तक दें और सहायता की मांग करें।
महानगरों में जगह-जगह पुलिस सहायता केंद्र होते हैं। दुर्घटना की आशंका होने पर पुलिस से अपने मोबाइल के जरिये सीधे संपर्क किया जा सकता है। तकनीक की जानकारी होने से आप सुरक्षित रहेंगी।