चेहरों को पहचान नहीं पाते? हो सकता है आपको हो “फेस ब्लाइंडनेस” – जानिए इसके लक्षण, कारण और उपाय

Manasvi Chaudhary
3 Min Read

नई दिल्ली : क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है कि कोई जाना-पहचाना व्यक्ति सामने खड़ा हो, लेकिन आप उसे पहचान नहीं पा रहे हों? या कोई परिचित व्यक्ति नमस्ते या हेलो करे और आप हैरानी से खड़े रह जाएं, क्योंकि चेहरा आपको अजनबी लगे? अगर ऐसा बार-बार हो रहा है, तो यह कोई आम भूल नहीं, बल्कि एक गंभीर मानसिक स्थिति हो सकती है, जिसे प्रोसोपैग्नोसिया (Prosopagnosia) कहा जाता है। इसे आम बोलचाल की भाषा में फेस ब्लाइंडनेस (Face Blindness) भी कहा जाता है।

Contents
See also  फलफूल रहा किराये की गर्लफ्रेंड बनने का बिजनेस, खास मकसद से इन्हें हायर करते हैं लड़के

क्या है प्रोसोपैग्नोसिया?

प्रोसोपैग्नोसिया एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति दूसरों के चेहरे पहचानने में असमर्थ हो जाता है। यह समस्या इतनी गंभीर हो सकती है कि व्यक्ति अपने परिवार के सदस्य, मित्र या खुद को भी आईने में पहचान नहीं पाता

इस बीमारी के दो मुख्य कारण होते हैं:

  1. जन्मजात (Developmental Prosopagnosia):
    यह स्थिति तब होती है जब दिमाग का वह हिस्सा जो चेहरों को पहचानने में मदद करता है, जन्म से ही पूरी तरह विकसित नहीं होता

  2. दिमागी चोट या न्यूरोलॉजिकल कारण (Acquired Prosopagnosia):
    किसी स्ट्रोक, दिमागी चोट, या तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।

लक्षण कैसे पहचानें?

  • बार-बार परिचित चेहरों को पहचानने में कठिनाई

  • लोगों की पहचान करने के लिए आवाज, कपड़े या चाल पर निर्भर रहना

  • फिल्मों या टीवी में किरदारों को पहचानने में भ्रम

  • किसी से दोबारा मिलने पर उन्हें पहली बार की तरह देखना

See also  वो कौन सी वजहें हैं जिससे महिलाएं होती है आकर्षित

क्या इसका इलाज संभव है?

फिलहाल प्रोसोपैग्नोसिया का कोई निर्दिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन कुछ व्यवहारिक तकनीकों और थैरेपी की मदद से इसे नियंत्रित किया जा सकता है:

  • चेहरों की पहचान के लिए कपड़े, आवाज, हेयरस्टाइल, चाल आदि संकेतों का सहारा लेना

  • विशेष एक्सरसाइज और मेमोरी ट्रेनिंग

  • मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग, ताकि व्यक्ति खुद को अलग-थलग न महसूस करे

क्या करें अगर आपको ये लक्षण महसूस हों?

अगर आप या आपका कोई करीबी व्यक्ति इस तरह की समस्या का सामना कर रहा है, तो तुरंत किसी न्यूरोलॉजिस्ट या मनोचिकित्सक से संपर्क करें। समय पर पहचान और उचित मार्गदर्शन से इस स्थिति को काफी हद तक बेहतर किया जा सकता है।

See also  इस फल ने किया मर्दाना ताकत को चार गुना, बुढ़ापे में भी रहेगी आपकी जवानी बरकरार, पूर्वजों की दवाएं भी इसके आगे फेल, जाने इस फल का नाम

क्यों जरूरी है जागरूकता?

चूंकि यह एक कम चर्चित मानसिक समस्या है, इसलिए लोगों को इसके बारे में जानकारी कम होती है। जागरूकता बढ़ाना बेहद ज़रूरी है ताकि समाज ऐसे लोगों को समझ सके और सहयोग कर सके

See also  इस फल ने किया मर्दाना ताकत को चार गुना, बुढ़ापे में भी रहेगी आपकी जवानी बरकरार, पूर्वजों की दवाएं भी इसके आगे फेल, जाने इस फल का नाम
Share This Article
1 Comment
  • बहुत सुंदर जानकारी और अगर यह लक्षण किसी में पाए जाते हैं तो इनका इलाज और इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement