भोपाल । मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक यहां इस बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों की तादाद बढ़कर 757 पर पहुंच गई है। इस महामारी से प्रदेश में अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा 37 लोगों की जान इंदौर में गई है, जबकि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 5 लोग कोरोना का शिकार बने हैं।
राजधानी में जिन पांच लोगों को इस महामारी ने अपना शिकार बनाया है वो सभी भोपाल गैस त्रासदी के पीडि़त थे। करीब 36 साल पहले हुए भोपाल गैस त्रासदी के दौरान इन पांचों पीडि़तों की जान बच गई थी लेकिन अब कोरोना महामारी से ये बच नहीं सके। इन सभी की मौत निजी अस्पताल में हुई।
इनका भाग्य देखिए कि उन्हें भोपाल मेडिकल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में भी कदम रखने का मौका नहीं मिल सका। बीएमएचआरसी खास तौर से गैस त्रासदी से जुड़े पीड़ितों के लिए था, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने इस कोविड-19 मरीजों के लिए समर्पित कर दिया।
प्रदेश में कोरोना के साढ़े सात सौ से ज्यादा मरीज
गैस त्रासदी के पीडि़तों को लेकर काम करने वाली एनजीओ भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने बताया कि हम लगातार राज्य सरकार और जिला प्रशासन से गैस पीडि़तों पर विशेष ध्यान देने की अपील करते रहे, क्योंकि उनमें से सैकड़ों लोगों में पहले से ही फेफड़े और गुर्दे की बीमारी है। कई लोगों को कैंसर, मधुमेह और हार्ट की समस्याएं हैं, लेकिन किसी ने भी हमारी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। अब आप देख सकते हैं कि इसका क्या असर हो रहा है।