2 दिन पहले बीच चौराहे पर हंगामा करने वाली युवती की दुखद दास्तान सामने आई है। दरअसल, युवती छतरपुर की रहने वाली है, जो अपने पति को छोड़कर प्रेमी के साथ ग्वालियर आ गई थी। 2 महीने तक प्रेमी ने युवती को अपने पास रखा, लेकिन बाद में घर से बेदखल कर दिया। प्रेमी की दगाबाजी से युवती के दिमाग पर इतना गहरा सदमा लगा कि वह बदहवास हो गई और फिर ग्वालियर के चौक चौराहों पर हंगामा करने लगी।
ग्वालियर का फूलबाग चौराहा पर युवती ने जमकर हंगामा किया। युवती ने चौराहे पर करीब एक घंटे तक हंगामा कर उत्पात मचाया। युवती ने सबसे पहले एक कार सवार के साथ मारपीट की। उसके बाद एक बुजुर्ग की एक्टिवा छुड़ाकर खुद बैठकर एक्टिवा चलाने लगी। थोड़ी देर बाद युवती ने सड़क पर लगे पुलिस के बैरिकेट्स उठाकर फेंक दिए। आखिर में युवती वहां से गुजर रही एक कार के बोनट में चढ़कर बैठ गई। इस कार में भिंड से एक महिला मरीज को जयारोग्य अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन युवती कार के ऊपर 10-15 मिनट तक बैठी रही। हंगामा देख पास ही मौजूद आशा कार्यकर्ता और महिलाओं ने इस युवती को पकड़कर नीचे उतारा। लगभग एक घंटे तक फूलबाग चौराहे पर युवती का हंगामा चलता रहा।
युवती को किसी तरह से थाने लाया गया, जहां काउंसलर और पुलिस अधिकारियों ने जब युवती से बातचीत की तो उसने बताया कि वह छतरपुर की रहने वाली है। जब छतरपुर संपर्क किया गया तो युवती के पति ने पूरी कहानी बताई। पति ने बताया कि वह ग्वालियर के एक युवक से प्रेम करती थी और उसी के चक्कर में वह छतरपुर छोड़कर ग्वालियर चली गई। छतरपुर में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी, लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो वह ग्वालियर में अपने प्रेमी के साथ मिली।
पति ने बताया कि उसकी पत्नी और प्रेमी ने उसे तलाशने से मना कर दिया था। लिहाजा बदनामी के डर से उसने भी पत्नी से ही किनारा कर लिया। अब पति ने युवती को अपनाने से इनकार कर दिया। वहीं पुलिस ने उसके प्रेमी से भी संपर्क किया, लेकिन वो नहीं आया, इधर मायके वालों ने भी पल्ला झाड़ लिया है। आखिर में प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर युवती को मानसिक आरोग्यशाला पहुंचाया।