उज्बेकिस्तान के पार्केंट जिले में एक बेहद दर्दनाक और खौफनाक घटना सामने आई है। एक 44 साल के जूकीपर, एफ. इरिसकुलोव ने अपनी गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने के लिए ऐसा खतरनाक कदम उठाया, जिसका नतीजा उनकी जान से हाथ धोने के रूप में सामने आया। यह घटना चिड़ियाघर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है और इंसान की लापरवाही की कड़ी मिसाल बन गई है।
गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने के लिए खतरनाक कदम उठाया
मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, एफ. इरिसकुलोव, जो एक जूकीपर के तौर पर काम करता था, ने 17 दिसंबर 2023 को अपनी नाइट शिफ्ट के दौरान चिड़ियाघर में स्थित शेरों के पिंजरे का ताला खोला। उनका उद्देश्य था कि वह शेरों के करीब जाकर उनकी वीडियो रिकॉर्ड करें और उसे अपनी गर्लफ्रेंड को भेजें। इरिसकुलोव ने शेरों को शांत करने की कोशिश करते हुए ‘सिंबा’ नामक शेर के पास पहुंचकर उसकी गर्दन पर हाथ फेरने की कोशिश की। इस दौरान शेर शांत बैठा था, और इरिसकुलोव ने वीडियो शूट करना शुरू कर दिया।
शेरों के पिंजरे का गेट खुला, खौ़फनाक घटना घटित हुई
हालांकि, घटना के दौरान शेरों के पिंजरे का गेट खुला रह गया, जिससे शेर बाहर निकल आए। जूकीपर ने इस घटना को रिकॉर्ड करना शुरू किया, लेकिन कुछ ही सेकंड बाद एक शेर ने उन पर हमला कर दिया। वीडियो में इरिसकुलोव की चीखें सुनाई दीं और वह बार-बार शेरों को ‘शांत रहो, शांत रहो’ कह रहे थे, लेकिन शेरों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। शेरों के हमले के कारण जूकीपर की दर्दनाक मौत हो गई और पूरी तरह से उनका शरीर क्षत-विक्षत हो गया।
वीडियो में कैद हुई दर्दनाक मौत की तस्वीरें
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, लेकिन इसे इतना विभत्स बताया गया कि इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। वीडियो में इरिसकुलोव की आखिरी चीखें और शेरों के हमले की आवाजें स्पष्ट सुनाई देती हैं। यह घटना न केवल शेरों के आक्रमण को दिखाती है, बल्कि चिड़ियाघर की सुरक्षा व्यवस्था की भी पोल खोलती है।
पुलिस ने की जांच, प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
उज्बेकिस्तान पुलिस ने इस मामले पर बयान जारी किया। पुलिस के अनुसार, 17 दिसंबर को ताशकंद क्षेत्र के पार्केंट जिले में स्थित ‘लायन पार्क’ नामक निजी चिड़ियाघर में तीन शेर पिंजरे से बाहर निकलकर चिड़ियाघर के आंगन में आ गए थे। इन शेरों ने जूकीपर इरिसकुलोव पर हमला किया, जिसके कारण उसकी गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और प्रशासन से इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया शुरू की है।
सोशल मीडिया पर गर्माई बहस, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों के बीच बहस छिड़ गई है। कुछ यूजर्स ने जूकीपर की लापरवाही की आलोचना की है, जबकि कई ने चिड़ियाघर प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं। कई लोग मानते हैं कि इंसानों और जानवरों दोनों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। एक यूजर ने कहा, “चिड़ियाघर के कर्मचारियों को पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत थी, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।”
चिड़ियाघर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
इस घटना ने चिड़ियाघर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खुले पिंजरे और असावधानी से शेरों का बाहर निकलना, इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। हालांकि, इरिसकुलोव का इरादा गलत था, लेकिन यह घटना सुरक्षा की गंभीर खामियों को भी दर्शाती है। चिड़ियाघर प्रशासन को इस घटना से सबक लेते हुए अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
यह घटना एक बहुत बड़े चेतावनी के रूप में सामने आई है कि जब किसी व्यक्ति को सिर्फ अपने स्वार्थ और अहंकार के लिए जानवरों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की जाती है, तो परिणाम घातक हो सकते हैं। शेरों के साथ इस तरह की लापरवाही का नतीजा केवल जूकीपर की जान जाने से नहीं, बल्कि चिड़ियाघर प्रशासन की छवि और सुरक्षा की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठता है।