मुख्य बिंदु (Key Highlights):
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केंद्रीय कर्मचारियों को जुलाई 2025 में महंगाई भत्ते (DA) में बड़ी बढ़ोतरी की कम उम्मीद।
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पिछली बार मार्च में 2% की बढ़ोतरी से ही थी निराशा।
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महंगाई दर में गिरावट को बताया जा रहा है DA बढ़ोतरी में रुकावट का मुख्य कारण।
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8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर भी अभी तक कोई स्पष्टता नहीं।
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कर्मचारी संगठनों ने की है महंगाई भत्ते की गणना के तरीके में बदलाव की मांग।
अगर आप भी केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं और जुलाई 2025 में महंगाई भत्ते (DA) में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की आस लगाए बैठे हैं, तो जरा रुकिए। ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार भी आपको निराशा हाथ लग सकती है। जी हां, मार्च में मिली मामूली 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद जुलाई में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल सकता है।
अब सवाल यह है कि आखिर हर बार कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी क्यों फिर रहा है और सरकार का इस पर क्या कहना है? आइए विस्तार से समझते हैं।
मार्च 2025 की DA हाइक से ही थी निराशा की शुरुआत
मार्च 2025 में सरकार ने 2 प्रतिशत की DA बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिससे कुल DA 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हुआ। यह बढ़ोतरी जनवरी से लागू मानी गई, लेकिन ज्यादातर कर्मचारियों और संगठनों को इससे संतोष नहीं हुआ। उनका कहना था कि जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही है, उस हिसाब से DA में सिर्फ 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी बेहद कम है। कर्मचारियों का मानना था कि यह बढ़ोतरी महंगाई के वास्तविक प्रभाव को कम करने में अपर्याप्त है।
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जुलाई 2025 में क्या हैं DA बढ़ोतरी के आसार?
अब जुलाई की बात करें तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार भी DA में 2 से 3 प्रतिशत तक ही बढ़ोतरी संभव है। यानी अगर ये अनुमान सही साबित होते हैं, तो DA 55% से बढ़कर 57 या 58 प्रतिशत हो सकता है।
सरकार की तरफ से आधिकारिक घोषणा दिवाली से पहले की जा सकती है, जैसा कि हर साल होता है। हालांकि, जो भी हो, कर्मचारियों की उम्मीदें इस बार भी पूरी होती नजर नहीं आ रही हैं। यह स्थिति केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आर्थिक मोर्चे पर चिंता का विषय बनी हुई है।
घटती महंगाई दर बनी रोड़ा
DA की गणना पूरी तरह महंगाई दर (Inflation Rate) पर आधारित होती है। और अभी देश में महंगाई दर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) फिलहाल 2.82 प्रतिशत पर है, जो पिछले 6 सालों में सबसे निचला स्तर है। इससे पहले फरवरी 2019 में यह दर 2.57 प्रतिशत थी।
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इसी तरह थोक महंगाई दर (Wholesale Price Index – WPI) भी घटकर 0.39 प्रतिशत पर आ गई है। अप्रैल 2025 में यह 0.85% और मई 2024 में 2.74% थी। ये सारे आंकड़े बताते हैं कि महंगाई काबू में है और इसी वजह से DA में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीदें कम हो गई हैं। सरकार के तर्क के अनुसार, जब महंगाई कम है, तो DA में भारी बढ़ोतरी की आवश्यकता भी कम हो जाती है।
8वें वेतन आयोग को लेकर भी सस्पेंस
एक और मुद्दा जो कर्मचारियों को परेशान कर रहा है वो है 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा। अब तक न तो इसका गठन हुआ है, न ही कोई पुख्ता टाइमलाइन सामने आई है। पहले माना जा रहा था कि अप्रैल 2025 तक कमेटी का गठन हो जाएगा और जनवरी 2026 से नई सिफारिशें लागू हो जाएंगी।
लेकिन जून खत्म होने को है और आयोग को लेकर अभी तक कोई अपडेट नहीं आया है। ऐसे में कर्मचारियों को डर है कि कहीं उन्हें आने वाले सालों में भी 7वें वेतन आयोग के हिसाब से ही काम न करना पड़े। यह अनिश्चितता कर्मचारियों के भविष्य की वेतन संरचना और आर्थिक नियोजन को प्रभावित कर रही है।
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DA क्यों है इतना जरूरी?
कई लोग सोचते हैं कि आखिर DA में 2-4 प्रतिशत की बढ़ोतरी से क्या फर्क पड़ता है। लेकिन सच्चाई ये है कि DA केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बेहद जरूरी होता है। इसका मकसद होता है महंगाई के असर को कम करना और उनकी क्रय शक्ति (Purchasing Power) को बनाए रखना।
अगर DA न बढ़े, तो महंगाई के साथ लोगों की क्रयशक्ति घटने लगती है और जीवनयापन मुश्किल हो जाता है। यही वजह है कि कर्मचारी हर बार DA में संतोषजनक बढ़ोतरी की उम्मीद रखते हैं, ताकि उनकी आय महंगाई के साथ तालमेल बिठा सके।
कर्मचारियों की हालत क्या है फिलहाल?
अब स्थिति यह है कि एक तरफ DA में मामूली बढ़ोतरी हो रही है और दूसरी ओर 8वें वेतन आयोग की कोई खबर नहीं। ऐसे में कर्मचारियों को न तो महंगाई से प्रभावी राहत मिल रही है और न ही भविष्य की वेतन संरचना को लेकर कोई स्पष्टता है।
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महंगाई दर भले ही सरकारी आंकड़ों में घटी हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जीवनयापन की लागत लगातार बढ़ती जा रही है। चाहे घर का किराया हो, स्कूल फीस हो या इलाज – हर चीज महंगी होती जा रही है, जिससे कर्मचारियों के मासिक बजट पर दबाव बढ़ रहा है।
कर्मचारियों की सरकार से अपील
कर्मचारी संगठनों की मांग है कि DA की गणना में सिर्फ महंगाई दर ही नहीं, बल्कि मौजूदा जीवनशैली की जरूरतों को भी जोड़ा जाए। इसके साथ ही 8वें वेतन आयोग का गठन जल्द से जल्द किया जाए ताकि भविष्य को लेकर थोड़ी स्पष्टता मिल सके और कर्मचारी अपनी आर्थिक योजनाएं बना सकें।
फिलहाल कर्मचारियों को जुलाई 2025 की DA हाइक को लेकर आधिकारिक घोषणा का इंतजार करना होगा। अगर आप भी केंद्रीय कर्मचारी हैं, तो दिवाली से पहले सरकार की तरफ से आने वाली खबरों पर नजर रखें।
उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले महीनों में कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करे।