नई दिल्ली: अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में खुद को धार्मिक प्रवृत्ति का दिखाने की कोशिश की है। उसने जांच एजेंसी के सामने तीन मांगें रखी हैं, जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है।
उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में 24 घंटे कड़ी निगरानी में रखे जा रहे पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा ने एनआईए से कुरान (इस्लामिक पवित्र पुस्तक), एक पेन और पेपर मांगा है। खबरों के मुताबिक, राणा ने दिन में पांच बार नमाज अदा करने की बात भी कही है और खुद को धार्मिक व्यक्ति के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहा है।
एनआईए के एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “उसने कुरान की एक प्रति मांगी थी, जो हमने उसे मुहैया करा दी है। उसे अपनी कोठरी में पांच बार नमाज पढ़ते हुए देखा गया है।” अधिकारी ने राणा को “धार्मिक व्यक्ति” बताते हुए कहा कि उसने इसके अलावा कोई अन्य मांग नहीं की है। हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि राणा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह दिए गए पेन का इस्तेमाल खुद को नुकसान पहुंचाने या किसी गलत काम के लिए न करे। उसे केवल सॉफ्ट-टिप पेन का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
दिल्ली की एक अदालत के निर्देशानुसार, तहव्वुर राणा को दिल्ली कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) द्वारा नियुक्त वकील से हर दूसरे दिन मिलने की अनुमति दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, 64 वर्षीय राणा को तिहाड़ जेल में किसी भी तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा है, बल्कि उसके साथ अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों जैसा ही व्यवहार किया जा रहा है। उसे एनआईए मुख्यालय के भूतल पर स्थित 14 फीट बाई 14 फीट की उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में रखा गया है, जहां चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी और सीसीटीवी कैमरे से उसकी निगरानी की जा रही है। केवल 12 विशेष रूप से अधिकृत एनआईए अधिकारियों को ही उसकी कोठरी में प्रवेश करने की अनुमति है, और उसकी सभी बुनियादी जरूरतें – भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता – उसे अंदर ही मुहैया कराई जा रही हैं।
एनआईए के अधिकारी 26/11 के हमलों की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए राणा से लगातार पूछताछ कर रहे हैं। जांचकर्ता इस बात की पड़ताल कर रहे हैं कि हमलों को अंजाम देने के लिए किन लोगों ने साजिश रची और पर्दे के पीछे कौन शामिल था। राणा के सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के साथ उसकी कई फोन कॉल्स भी जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा, एनआईए दुबई स्थित एक संदिग्ध व्यक्ति के साथ राणा की मुलाकातों की भी जांच कर रही है, जिसके बारे में माना जाता है कि उसे मुंबई हमलों की योजना के बारे में पहले से जानकारी थी। राणा के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के साथ संदिग्ध संबंधों की भी जांच की जा रही है, जिसने 2008 में मुंबई में हुए घातक हमलों को अंजाम दिया था।
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को लश्कर के 10 आतंकवादियों ने मुंबई के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।