आंध्र प्रदेश, तिरुपति: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में बुधवार को एक दुखद घटना घटित हुई, जब वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन लेने के दौरान भगदड़ मच गई। इस घटना में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 25 अन्य लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना उस समय हुई जब हजारों श्रद्धालु तिरुपति के विभिन्न टिकट केंद्रों पर वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन के लिए कतार में खड़े थे।
घटनास्थल पर मची अफरा-तफरी
सुबह से ही श्रद्धालु वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए विभिन्न टिकट केंद्रों पर उमड़ रहे थे। भगदड़ मचने के कारण वहां अफरा-तफरी मच गई, जिससे 6 लोगों की जान चली गई। बताया जा रहा है कि लगभग 4,000 श्रद्धालु टोकन लेने के लिए लाइन में खड़े थे, और जैसे ही दर्शन के लिए कतार लगाने की अनुमति दी गई, भगदड़ मच गई। इस घटना में मल्लिका नाम की एक महिला भी शामिल है, जिनकी मौत हो गई।
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया
घटना के बाद तिरुपति पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और राहत कार्य शुरू किया। घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया गया। तिरुपति पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए जरूरी कदम उठाए और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति में हुई इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने घटना में मारे गए चार श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों से घायलों के इलाज के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और मंदिर समिति के अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने का आदेश दिया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री गुरुवार को घायलों से मिलने अस्पताल भी पहुंचेंगे।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री का शोक
वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए घायलों को शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
जिला प्रशासन द्वारा निगरानी
तिरुपति के डीआईपीआरओ ने बताया कि गुरुवार सुबह से शहर के 8 इलाकों में वैकुंठ एकादशी टोकन वितरण के लिए श्रद्धालु पहले ही कतार में लग गए थे। घटना के बाद जिला कलेक्टर डॉ. एस. वेंकटेश्वर और जॉइंट कलेक्टर शुभम बंसल ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और घायलों को बेहतर इलाज दिलवाने के लिए कदम उठाए। इसके अलावा, तिरुपति एसपी सुब्बारायडू टोकन केंद्रों की निगरानी कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।
10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार दर्शन
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 10 से 19 जनवरी 2025 तक वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए विस्तृत व्यवस्थाएं की थीं। टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने घोषणा की थी कि इस दौरान 7 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन का मौका मिलेगा। उन्होंने इस दौरान विशेष प्रोटोकॉल लागू करने की बात भी कही थी ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आरामदायक दर्शन का अनुभव मिल सके।
तिरुपति मंदिर में हुई इस भगदड़ की घटना न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा आघात है, बल्कि इससे मंदिर प्रशासन और राज्य सरकार के लिए भी एक गंभीर चुनौती उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने घायलों की स्थिति का जायजा लिया है और प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए हैं। अब यह देखना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं।