86 साल की महिला को 2 महीने तक डिजिटल अरेस्ट, 20 करोड़ रुपये की ठगी, ठग हर 3 घंटे में जांचते थे लोकेशन

Aditya Acharya
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साइबर फ्रॉड का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 86 साल की एक बुजुर्ग महिला को करीब दो महीने तक डिजिटल अरेस्ट करके उसके बैंक अकाउंट से 20 करोड़ रुपये की ठगी की गई। इस दौरान महिला को डराया, धमकाया गया और यहां तक कि उसके बच्चों को गिरफ्तार करने की धमकी दी गई। पुलिस ने इस मामले में एक्शन लेते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आइए, इस पूरी घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

साइबर ठगी की शुरुआत एक अनजान कॉल से

इस साइबर फ्रॉड की शुरुआत एक अनजान नंबर से कॉल आने से हुई। कॉल करने वाले ने अपना नाम संदीप राव बताया और खुद को CBI ऑफिसर बताया, जबकि वह असल में एक साइबर ठग था। उसने महिला से यह आरोप लगाया कि उसके नाम और दस्तावेजों का इस्तेमाल करके एक बैंक अकाउंट खोला गया है, जो गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहा है। इस बैंक खाते से मनी लाउड्रिंग और जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को पैसे भेजे गए थे।

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घर में काम करने वाली महिला ने किया खुलासा

पुलिस के अनुसार, घर में काम करने वाली एक महिला ने बुजुर्ग महिला के व्यवहार में बदलाव देखा। वह अक्सर अपने कमरे में रहती और कभी-कभी चिल्लाती। केवल खाने के समय वह कमरे से बाहर आती थी। इस बदलाव की सूचना घर की काम करने वाली महिला ने बुजुर्ग महिला की बेटी को दी, जिसके बाद मामला खुलासा हुआ।

WhatsApp कॉल के जरिए डर और धमकी

साइबर ठग ने महिला को WhatsApp कॉल के दौरान डराया और धमकी दी कि इस मामले में CBI ने जांच शुरू कर दी है और उनके बच्चों को गिरफ्तार किया जा सकता है। उसने यह भी बताया कि उनका बैंक अकाउंट फ्रीज किया जा सकता है। ठग ने महिला को यह भी बताया कि अगर वह जांच में सहयोग नहीं करेंगी तो पुलिस उनके घर पहुंच सकती है।

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डिजिटल अरेस्ट का तरीका

साइबर ठग ने महिला को बताया कि डिजिटल इंडिया के तहत वह बिना पुलिस स्टेशन गए ई-इन्वेस्टिगेशन में मदद कर सकती हैं। इसके बाद आरोपी ने महिला से बैंक डिटेल्स और अन्य जरूरी जानकारी मांगी। महिला को डिजिटल अरेस्ट कर दिया गया और उसे अपने रिश्तेदारों से संपर्क ना करने की सलाह दी गई।

2 महीने तक चलता रहा डिजिटल अरेस्ट

यह धोखाधड़ी लगभग दो महीने तक चलती रही, जहां महिला से लगातार 2-3 घंटे के अंतराल पर कॉल करके उसकी लोकेशन जांची जाती। आरोपी ने महिला से कहा कि अगर वह इस मामले में अपना नाम हटवाना चाहती हैं, तो इसके लिए एक प्रक्रिया है।

ठगों ने मांगे 20 करोड़ रुपये

आखिरकार, ठगों ने महिला को यह बताया कि उसे अपने बैंक अकाउंट में मौजूद सभी पैसे कोर्ट के अकाउंट में ट्रांसफर करने होंगे। उन्होंने यह भी झूठा वादा किया कि जांच पूरी होने के बाद उसके पैसे वापस कर दिए जाएंगे। हालांकि, जांच के बाद महिला को कुछ भी वापस नहीं मिला।

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पुलिस ने की कार्रवाई और आरोपी गिरफ्तार

इस पूरे मामले के बाद 4 मार्च को महिला ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मीरा रोड से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 20 करोड़ रुपये की ठगी का मामला दर्ज किया है।

साइबर ठगी से बचाव के उपाय

यह घटना हमें यह बताती है कि साइबर ठगी के मामलों में दिन-ब-दिन वृद्धि हो रही है। खासकर बुजुर्गों को ठगों का शिकार बनने से बचाने के लिए जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है। किसी भी अनजान कॉल या मैसेज से घबराकर व्यक्तिगत जानकारी नहीं देनी चाहिए।

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