नई दिल्ली: एल एंड टी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन के 90 घंटे वर्क वीक वाले बयान के बाद इस मुद्दे पर अब दिग्गज बिजनेसमैन खुलकर अपनी राय रख रहे हैं। सुब्रमण्यन का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, और अब इस मुद्दे पर ITC के चेयरमैन संजीव पुरी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पुरी ने कहा कि काम के घंटों की संख्या से अधिक महत्वपूर्ण यह है कि कर्मचारी कंपनी के विजन और उद्देश्य के साथ जुड़ा रहे और उस दिशा में काम करे।
एसएन सुब्रमण्यन के बयान पर संजीव पुरी की प्रतिक्रिया
एल एंड टी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने हाल ही में कहा था कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए, और उनके मुताबिक, सप्ताहांत में काम नहीं करवाने का अफसोस था। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर एक गर्म बहस छिड़ गई थी। वहीं, ITC के चेयरमैन संजीव पुरी ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि काम के घंटों की अधिकता से कोई फर्क नहीं पड़ता, बल्कि यह जरूरी है कि कर्मचारी कंपनी के उद्देश्य और दृष्टिकोण के साथ जुड़ा रहे और उस दिशा में काम करे।
“काम बोलता है”
संजीव पुरी ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, “मैं आपको यह बताता हूं कि काम के घंटे नहीं, काम का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। अगर आप किसी राजमिस्त्री से पूछते हैं कि वह क्या कर रहा है, तो वह कह सकता है कि वह ईंट लगा रहा है, कोई कह सकता है कि वह दीवार बना रहा है, लेकिन कोई कह सकता है कि वह महल बना रहा है। यह नजरिया है, जो कामगारों के पास होना चाहिए।”
पुरी का मानना है कि जब कर्मचारी अपने काम को किसी बड़े उद्देश्य और लक्ष्य के रूप में देखते हैं, तो काम के घंटे मायने नहीं रखते। उन्होंने कहा, “हम काम के घंटों को लेकर फोकस नहीं करते, बल्कि हम कर्मचारियों को इस दृष्टिकोण के साथ सशक्त बनाते हैं कि वे कंपनी के विजन का हिस्सा हैं और उसे वास्तविकता में बदलने में योगदान दे रहे हैं।”
90 घंटे काम नहीं करेंगे
जब पुरी से पूछा गया कि क्या इसका मतलब यह है कि ITC अपने कर्मचारियों से 90 घंटे काम करवाना नहीं चाहता, तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा, “हम ऐसा नहीं करेंगे।” उनके अनुसार, ITC कर्मचारियों को अपने काम में स्वतंत्रता और सशक्तिकरण प्रदान करता है, जिससे वे अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम होते हैं, और कंपनी के व्यापक दृष्टिकोण से जुड़े रहते हैं।
कंपनी के विजन और कर्मचारियों की भूमिका
संजीव पुरी ने आगे कहा कि कंपनी के विजन और लक्ष्य के बारे में कर्मचारियों को सशक्त बनाना और उन्हें इसे अपने कार्यों में शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ITC कर्मचारियों को न सिर्फ संसाधन और स्वतंत्रता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें ऐसे अवसर भी देता है जिससे वे अपने व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें। पुरी का कहना है कि जब कर्मचारी अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर काम करते हैं, तो न केवल उनका व्यक्तिगत विकास होता है, बल्कि कंपनी भी सफलता की ओर अग्रसर होती है।