सनसनीखेज! 16 साल बाद आरुषि हत्याकांड सुलझा, कातिल पकड़ा गया

सनसनीखेज! 16 साल बाद आरुषि हत्याकांड सुलझा, कातिल पकड़ा गया

Manisha singh
10 Min Read

आरुषि-हेमराज हत्याकांड की पूरी कहानी

16 मई 2008 की सुबह करीब साढ़े 6 बजे नोएडा सेक्टर 20 थाने में डॉक्टर राजेश तलवार ने फ़ोन कर जानकारी दी कि उनकी 14 साल की बेटी का घर मे कत्ल हो गया है, मामला नोएडा के पॉश इलाके का था लिहाज़ा पुलिस फौरन मौके पर पहुंची।

मेड के सामने रोने लगे राजेश और नूपुर तलवार

जलवायु विहार के फ्लैट नंबर एल 32 में आरुषि का शव उसके कमरे में बेड पर चादर में लिपटा पड़ा था। सुबह जब घर की मेड ने घंटी बजाई तो दरवाज़ा नहीं खुला फिर नपुर तलवार ने अंदर का दरवाज़ा खोला। इस बीच राजेश भी आ गए और चाबी नीचे फेंकी गई। मेड भारती बाहर से दरवाज़ा खोलकर अंदर आई। जैसे ही मेड अंदर पहुंची राजेश और नुपुर तलवार रोने लगे और भारती से कहने लगे कि देखो हेमराज क्या करके गया है।

इस तरह कहानी ने लिया नया मोड़

 

पुलिस को भी हेमराज पर शक हुआ लेकिन वो मिला नहीं…इस बीच आरुषी की अस्थियां लेकर तलवार दंपत्ति 17 मई को हरिद्वार चले गये…अब कहानी ने एक नया मोड़ लिया। 17 मई की सुबह नोएडा के पूर्व पुलिस अफसर के के गौतम ने पुलिस को बताया कि तलवार के फ्लैट की छत पर एक डेड बॉडी पड़ी है। पुलिस ने बॉडी के बारे में पूछताछ की तो राजेश तलवार के भाई हेमराज की शिनाख्त नहीं कर सके। आखिरकार शाम को राजेश तलवार ने डेड बॉ़डी की पहचान हेमराज के तौर पर की। अब शक की सूई राजेश तलवार और नुपुर तलवार पर घूम गई….

कैसे उलटी पड़ गई नोएडा पुलिस की थ्योरी?

23 मई 2008 को नोएडा पुलिस ने राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया लेकिन उनकी थ्योरी उलटी पड़ गई और 31 मई 2008 को केस सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने राजेश तलवार के कंपाउंडर को गिरफ्तार किया उसके बाद दो और गिरफ्तारियां भी की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। मजबूरी में सीबीआई ने जांच टीम बदली और दूसरी टीम ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते बताया था कि जो सबूत मिले हैं, वो इसी तरफ इशारा करते हैं कि राजेश और नुपुर तलवार ने ही अपनी बेटी आरुषि और हेमराज का मर्डर किया।

See also  The Deception of Satyagraha: A Historical Reflection and Its Relevance Today

आखिरकार सीबीआई की विशेष अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज करने को कहा जिसके बाद चली लंबी सुनवाई में राजेश और नुपर तलवार को मर्डर का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सज़ा सुना दी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया । तलवार दंपति ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। 26 नवंबर, 2013 को उनको सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तलवार दंपति इस समय गाजियाबाद के डासना जेल में सजा काट रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच में कई तरह की खामियां है इसलिए संदेह के आधार पर तलवार दंपति को सजा देने की बात सही नहीं है। लेकिन कुछ सवालों के जवाब अब हर किसी के दिल में कौंध रहा है कि आखिर आरूषि का हत्यारा है कौन?

कब-कब… क्या-क्या हुआ

  • 16 मई 2008- दन्त चिकित्सक राजेश तलवार की 14 साल की बेटी आरुषि व उनके घरेलू नौकर हेमराज की हत्या
  • 17 मई 2008- पड़ोसी की छत से हेमराज का शव बरामद।
  • 23 मई 2008- आरुषि के पिता राजेश तलवार गिरफ़्तार।
  • 24 मई 2008- यूपी पुलिस ने राजेश तलवार को मुख्य अभियुक्त माना।
  • 29 मई 2008- मुख्यमन्त्री मायावती ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।
  • जून 2008- सीबीआई ने जांच शुरू कर एफ़आईआर दर्ज़ की।

सबूतों के अभाव

  • 12 जुलाई 2008- सबूतों के अभाव में राजेश तलवार को रिहा किया गया।
  • सितम्बर 2008- सबूतों के अभाव में राजेश तलवार के सहायक और दो नौकरों को भी रिहा कर दिया गया।
  • 9 फ़रवरी 2009- तलवार दम्पति पर हत्या का मुकदमा दर्ज।
  • जनवरी 2010- राजेश और नूपुर के नार्को टेस्ट की इजाजत मिली।
  • दिसम्बर 2010- 30 महीने तक चली जाँच के बाद सीबीआई ने अदालत को क्लोज़र रिपोर्ट सौंपी।
  • 25 जनवरी 2011- नए सिरे से जांच की मांग को लेकर राजेश तलवार पर कोर्ट परिसर में हमला हुआ।
  • 12 अप्रैल 2011- नूपुर की जमानत पर सुनवाई से उच्चतम न्यायालय ने मना कर दिया।
See also  UP: दलित लड़की से दरिंदगी: गैंगरेप, तेजाब से 'ॐ' मिटाया, जबरन खिलाया मांस

नूपुर एवं राजेश तलवार को हुई उम्रक़ैद

  • 6 जनवरी 2012- उच्चतम न्यायालय ने तलवार दम्पति पर मुक़दमा चलाने का आदेश दिया।
  • 30 अप्रैल 2012- नूपुर तलवार को भी गिरफ़्तार किया गया।
  • जून 2012- अदालत के निर्देश पर फिर से सुनवाई शुरू हुई।
  • 25 सितम्बर 2012- नूपुर तलवार की रिहाई का आदेश जारी हुआ।
  • 24 अप्रैल 2013- सीबीआई ने राजेश तलवार पर हत्या का आरोप लगाया।
  • 11 जून 2013- गवाहों के बयान दर्ज होना शुरू किये गये।
  • 12 नवम्बर 2013- मुकदमें की अन्तिम सुनवाई पूर्ण हुई।
  • 25 नवम्बर 2013- नूपुर एवं राजेश तलवार को अपनी पुत्री आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या का दोषी करार दिया गया।
  • 26 नवम्बर 2013- नूपुर एवं राजेश तलवार को उम्रक़ैद की सजा।

मामले की प्रमुख घटनाएं:

  • 15-16 मई 2008: आरुषि और हेमराज की हत्या।
  • 17 मई 2008: हेमराज का शव आरुषि के घर की छत से बरामद।
  • 23 मई 2008: आरुषि के पिता राजेश तलवार गिरफ्तार।
  • जून 2008: सीबीआई ने जांच शुरू की।
  • 25 नवंबर 2013: सीबीआई कोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
  • 12 अक्टूबर 2017: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तलवार दंपति को बरी कर दिया।

मामले में कई मोड़ आए:

  • सीबीआई ने तलवार दंपति को हत्या का आरोपी बनाया।
  • तलवार दंपति ने हत्या का आरोप नकारते हुए सीबीआई जांच पर सवाल उठाए।
  • कई गवाहों ने तलवार दंपति के खिलाफ गवाही दी।
  • तलवार दंपति ने नार्को टेस्ट करवाया, जिसमें वे निर्दोष पाए गए।
  • उच्च न्यायालय ने तलवार दंपति को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

मामले में कई सवाल अनुत्तरित:

  • आरुषि और हेमराज की हत्या किसने की?
  • हत्या का मकसद क्या था?
  • हत्या के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ किसने की?
  • सीबीआई जांच में क्या खामियां थीं?

डॉ. तीरथ दास डोगरा का दावा है कि आरुषि और हेमराज की हत्या न तो उनके माता-पिता ने की और न ही हेमराज के किसी परिचित ने। उनका मानना ​​है कि एक तीसरा व्यक्ति इस हत्याकांड के पीछे था। डॉ. डोगरा देश के सबसे बड़े केस डील करने वाले टॉप के फ़ॉरेंसिक पैथोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी हत्या, निठारी हत्याकांड, गोधरा हिंसा, बाटला हाउस एनकाउंटर और हरेन पांड्या मर्डर केस जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच में भाग लिया है।

See also  आगरा : सत्यता जाने बिना पोस्ट न करें, वरना हो सकती है कानूनी कार्रवाई — पुलिस ने किया आगाह, जानें ये बातें

डॉ. डोगरा के अनुसार, आरुषि के केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई थी। हत्या के छह दिन बाद पुलिस को शक मां-बाप पर गया। 23 मई 2008 को लड़की के पिता राजेश तलवार को गिरफ़्तार किया गया। दिसंबर 2010 में, CBI ने अपर्याप्त सबूत के आधार पर क्लोज़र रिपोर्ट पेश की। मृतका के पिता को मुख्य संदिग्ध बताया, लेकिन अदालत ने सबूत के अभाव में मां-बाप को बरी कर दिया।

डॉ. डोगरा का मानना ​​है कि हत्यारा हेमराज का कोई परिचित था, जो हेमराज से मिलने आया था। हेमराज के मारे जाने के बाद, हत्यारे ने आरुषि को भी मार डाला क्योंकि वह उसे देख चुकी थी। डॉ. डोगरा ने यह भी दावा किया कि हत्यारा वह व्यक्ति हो सकता है जिससे हेमराज ने कर्ज़ लिया था।

आरुषि हत्याकांड भारत के सबसे जघन्य और रहस्यमय हत्याकांडों में से एक है। 15-16 मई 2008 की रात नोएडा के सेक्टर 25 में 14 वर्षीय आरुषि और उनके घरेलू नौकर हेमराज की हत्या कर दी गई थी। यह हत्याकांड आज भी अनसुलझा है।

यह एक जटिल मामला है जिसमें कई मोड़ आए हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि आरुषि के माता-पिता उसकी हत्या के पीछे थे, जबकि अन्य का मानना ​​है कि हेमराज या उसके किसी परिचित ने ही हत्या की थी। डॉ. डोगरा का दावा इस मामले को और भी जटिल बना देता है।

यह स्पष्ट नहीं है कि डॉ. डोगरा के दावों का आधार क्या है। उन्होंने अपने दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया है।

 

See also  आगरा : अछनेरा में समुदाय विशेष के दबंग युवकों की चोरी के बाद सीनाजोरी, काटा बबाल वीडियो वायरल
Share This Article
Follow:
Granddaughter of a Freedom Fighter, Kriya Yoga Practitioner, follow me on X @ManiYogini for Indic History and Political insights.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement