नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए कई ऐतिहासिक और बड़े फैसले लिए हैं। इस बर्बर हमले में 27 निर्दोष लोगों की जान चली गई है, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस कायराना हमले के बाद पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर है, और केंद्र सरकार ने त्वरित गति से कठोर निर्णय लिए हैं।
बिग ब्रेकिंग: अटारी बॉर्डर बंद, सिंधु जल समझौता स्थगित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार रात दिल्ली स्थित पीएम आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट (CCS) की एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई। यह बैठक लगभग ढाई घंटे तक चली, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल सहित देश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए। इस उच्च-स्तरीय बैठक में पाकिस्तान को स्पष्ट और सीधी चेतावनी देते हुए पांच अत्यंत महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं:
भारत सरकार के पांच बड़े फैसले
- सिंधु जल समझौता स्थगित: भारत ने पाकिस्तान के साथ चले आ रहे सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। अब पाकिस्तान को पहले की तरह पानी नहीं मिलेगा।
- अटारी बॉर्डर बंद: अटारी बॉर्डर से सभी प्रकार की आवाजाही को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
- पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द, देश छोड़ने का आदेश: भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। उन्हें अगले 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ने का सख्त निर्देश दिया गया है।
- पाकिस्तानी दूतावास बंद, भारतीय दूतावास भी बंद: भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, पाकिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास को भी बंद किया जाएगा। पाकिस्तानी राजनयिकों को 7 दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
- नई वीजा नीति, पाकिस्तानियों को वीजा पर प्रतिबंध: नई वीजा नीति के तहत किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को अब वीजा जारी नहीं किया जाएगा। यह प्रतिबंध अगली सूचना तक लागू रहेगा।
गौरतलब है कि बैसरन घाटी में यह जघन्य हमला उस समय हुआ, जब बड़ी संख्या में पर्यटक उस क्षेत्र में मौजूद थे। इस हमले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात के नागरिकों के अलावा नेपाल और यूएई के नागरिकों समेत दो स्थानीय लोगों की भी दुखद मौत हुई है।
सरकार का यह स्पष्ट और कठोर रुख दर्शाता है कि अब भारत न केवल आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेगा, बल्कि उस देश के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करेगा जो आतंकवाद को पनाह देता है और बढ़ावा देता है।