VIP सुरक्षा में बड़ा बदलाव: राजनाथ और योगी की सुरक्षा से हटेंगे NSG कमांडो!, सरकार ने क्यों लिया ये फैसला आइये जाने

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आतंकवाद रोधी कमांडो बल ‘एनएसजी’ को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह हटाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अत्यधिक खतरे वाले नौ वीआईपी की सुरक्षा अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंपने का आदेश दिया है। इस प्रक्रिया का हस्तांतरण अगले एक महीने में पूरा करने का निर्देश भी दिया गया है।

वीआईपी की सूची में शामिल नाम

इस परिवर्तन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं।

See also  पूर्व सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल के प्रयासों से लद्दाख को मिले पांच नए जिले

सुरक्षा बलों के बीच ड्यूटी का हस्तांतरण

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, सीआरपीएफ के पास पहले से ही वीआईपी सुरक्षा के लिए छह बटालियन हैं। नई बटालियन, जो कुछ महीने पहले तक संसद की सुरक्षा का कार्य संभाल रही थी, को अब शामिल किया जाएगा।

एनएसजी का ध्यान अपनी मूल भूमिका पर

केंद्र सरकार का मानना है कि एनएसजी को आतंकवाद-रोधी और अपहरण-रोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उच्च जोखिम वाले वीआईपी की सुरक्षा का कार्य एनएसजी के लिए ‘बोझ’ बन रहा था। इसके तहत लगभग 450 ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को मुक्त किए जाने की उम्मीद है।

सुरक्षा प्रोटोकॉल का लाभ

राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ को सीआरपीएफ के उन्नत सुरक्षा संपर्क (एएसएल) प्रोटोकॉल का भी लाभ मिलेगा, जिसमें वीआईपी के दौरे वाले स्थानों की पूर्व में निगरानी की जाती है। यह प्रोटोकॉल अन्य प्रमुख नेताओं के लिए भी अपनाया जाता है।

See also  Betrayal of Bravery: The Relocation of the Rezang La War Memorial

आतंकवादी हमले की आशंका

यह निर्णय 2012 से विचाराधीन था और एनएसजी कमांडो के आतंकी हमलों की संभावनाओं के चलते इस पर विचार किया गया।

राम मंदिर की सुरक्षा

अयोध्या राम मंदिर

केंद्र ने एनएसजी को पुनर्गठित करने का निर्णय भी लिया है, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर और देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास कमांडो की ‘स्ट्राइक टीमों’ को तैनात किया जाएगा।

इस निर्णय से न केवल सुरक्षा प्रबंधन में सुधार होगा, बल्कि एनएसजी को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर भी मिलेगा।

 

 

 

 

See also  भारत की सभ्यता पर मौन आक्रमण: एक जागरूकता का आह्वान
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement