नई दिल्ली। दिवाली से पहले, केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों और कृषि योजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस देने और दो प्रमुख कृषि योजनाओं को मंजूरी देने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में जानकारी साझा की।
रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस
कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि रेलवे कर्मचारियों को आने वाले त्योहारों से पहले 78 दिनों का बोनस दिया जाएगा। इस पर कुल 2,028 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे 11,72,240 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे में वर्तमान में 13 लाख से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें से लगभग 1,59,000 ने पिछले वित्त वर्ष में ज्वाइन किया है। प्रत्येक पात्र कर्मचारी को 78 दिनों के लिए अधिकतम 17,951 रुपये का बोनस मिलेगा।
कृषि योजनाओं को मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना को भी मंजूरी दी है। इन योजनाओं के तहत 1,01,321.61 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसका उद्देश्य कृषि और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से सीमित प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर कृषि की निरंतरता कायम रखने की योजना है।
खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता
कैबिनेट ने भारत को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,103 करोड़ रुपये की योजना भी तैयार की है। इस योजना का लक्ष्य तिलहन के प्राथमिक उत्पादन को बढ़ाना है। वर्तमान में भारत अपनी सालाना जरूरतों के लिए 50 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेलों का आयात करता है, जिसमें पाम तेल, सोयाबीन तेल और सनफ्लावर तेल शामिल हैं।
भारतीय भाषाओं का सम्मान
केंद्रीय कैबिनेट ने पांच और भारतीय भाषाओं—मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बांग्ला—को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी है। इन भाषाओं को भारतीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक माना जाता है। पहले से मान्यता प्राप्त छह भाषाओं में संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और उडि़या शामिल हैं।
इन फैसलों से न केवल रेलवे कर्मचारियों को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। साथ ही, भारतीय भाषाओं के प्रति सरकार का यह कदम हमारी सांस्कृतिक विविधता को और मजबूत करेगा।