नई दिल्ली: कनाडा लगातार भारत के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। हाल ही में कनाडा सरकार द्वारा भारतीय उच्चायुक्त पर लगाए गए बेबुनियाद आरोपों के जवाब में भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने कनाडा के राजदूत को तलब कर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और ट्रूडो सरकार को चेतावनी दी है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त पर निज्जर हत्याकांड में शामिल होने के बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह ट्रूडो सरकार का राजनीतिक एजेंडा है और यह वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है।
भारत ने क्या कहा?
भारत ने कहा है कि कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों के खिलाफ लगाए गए आरोपों के जवाब में भारत कड़े कदम उठाने का अधिकार रखता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा ने अब तक इस मामले में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के प्रति शत्रुता लंबे समय से देखी जा रही है। उन्होंने 2018 में भारत की यात्रा के दौरान भी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों का समर्थन किया था।
कनाडा ने क्यों किया ऐसा?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, कनाडा की ट्रूडो सरकार अपनी राजनीतिक मजबूरी के कारण भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। कनाडा में कुछ राजनीतिक दल भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और ट्रूडो सरकार इन दलों को खुश करने के लिए ऐसा कर रही है।
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह मामला भारत और कनाडा के संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण थे और इस घटना से स्थिति और बिगड़ सकती है।
आगे क्या होगा?
यह देखना दिलचस्प होगा कि कनाडा इस मामले में क्या कदम उठाता है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में कड़े कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगा।