नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आबकारी मामले के बाद सीबीआई ने अब मनीष सिसोदिया और अन्य के खिलाफ फीडबैक यूनिट के मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल से अनुमति मांगी है। जानकारी के मुताबिक एक शिकायत पर सीबीआई की ओर से की गई प्रारंभिक जांच में दावा किया गया है कि एफबीयू ने “राजनीतिक खुफिया जानकारी” भी एकत्र की है।
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सीबीआई ने 12 जनवरी 2023 को सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए सक्षम प्राधिकारी एलजी की मंजूरी मांगी है।
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सूत्रों ने मुताबिक उपराज्यपाल ने सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के अनुरोध को गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया है। आरोपों के मुताबिक आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2016 में “फीडबैक यूनिट” बनाई थी और इसका इस्तेमाल राजनीतिक जासूसी (स्नूपिंग) के लिए किया जाता था। सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक फीडबैक यूनिट के लिए 1 करोड़ रुपए का सिक्रेट फंड भी आवंटित किया गया था।
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बता दें कि हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली के राज्यपाल के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली है। हाल ही में दिल्ली केउपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि एलजी कानून का दुरुपयोग कर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लोगों विदेश नहीं जाने दे रहे हैं। पहले हमें एलजी से अनुमति लेने की ज़रूरत नही थी जीएनसीटीडी एक्ट में संशोधन करके इन्होंने एलजी को ये पावर दे दी है कि वो हर चीज़ में अड़ंगा डाल रहे हैं।
सिसोदिया ने कहा था कि 370 प्रधानाचार्यों की नियुक्ति के लिए फाइल उपराज्यपाल कार्यालय को भेजी जाए लेकिन केवल 126 को ही मंजूरी दी गई और उपराज्यपाल मामूली आधार पर 244 पदों की नियुक्तियों को रोक रहे हैं।उन्होंने उपराज्यपाल पर सेवा विभाग को असंवैधानिक रूप से संभालने का भी आरोप लगाया था