CDSCO ने खराब गुणवत्ता वाली 135 दवाओं का पता लगाया, एक्सपर्ट ने लोगों को दी यह सलाह

Dharmender Singh Malik
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नई दिल्ली: भारत की ड्रग रेग्यूलेटरी (CDSCO) ने दिसंबर 2024 में बाजार में खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की पहचान करने की अपनी प्रक्रिया को तेज किया है। इस दौरान 135 दवाओं को मानक गुणवत्ता (NSQ) के अनुरूप नहीं पाया गया है। इसके साथ ही, पिछले तीन महीनों में मानक गुणवत्ता के अनुसार नहीं पाई गई दवाओं की कुल संख्या 336 तक पहुंच गई है।

खराब गुणवत्ता वाली दवाओं का खुलासा

भारत में सुरक्षा और गुणवत्ता की निगरानी के लिए काम करने वाले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक (CDSCO) ने यह कदम स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सेफपोडोक्साइम टैबलेट आईपी 200 मिलीग्राम, जो कि बैक्टीरिया संक्रमणों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है, भी इस सूची में शामिल है। यह दवा गुजरात स्थित भारत पैरेंटेरल्स लिमिटेड द्वारा बनाई गई थी और यह जन औषधि केंद्रों को वितरित की जाती थी।

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इसके अलावा, अन्य दवाओं में शामिल हैं:

  • डाइवलप्रोएक्स एक्सटेंडेड-रिलीज टैबलेट IP

  • मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट IP

  • जिंक सल्फेट डिस्पर्सिबल टैबलेट IP

  • एमोक्सीमून CV-625

  • पैरासिटामोल टैबलेट IP 500 mg

स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दवाओं की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई को नियमित रेगूलेटरी निगरानी गतिविधि बताया है। मंत्रालय का कहना है कि CDSCO पोर्टल पर महीने की शुरुआत में मासिक आधार पर उन दवाओं की सूची प्रदर्शित की जाती है, जो मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं होतीं। दिसंबर 2024 में केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं ने 51 दवा नमूनों को मानक गुणवत्ता (NSQ) से असंगत पाया, जबकि राज्य ड्रग्स टेस्टिंग रेगुलेटरी ने 84 दवा नमूनों को मानक गुणवत्ता से असंगत पाया।

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इस पहले नवंबर में भी 111 दवाएं मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाई गई थीं, जबकि अक्टूबर में यह संख्या 90 थी।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह

इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध हेल्थ एक्सपर्ट डॉ तामोरिश कोले ने इसे गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा, “दर्द निवारक, एंटीबायोटिक्स जैसी दवाएं भारत में आसानी से काउंटर पर उपलब्ध हैं, और यह गंभीर चिंता का विषय है। स्वास्थ्य मंत्रालय को इस मामले में सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।”

डॉ. कोले ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की और कहा कि वे किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें। उन्होंने यह भी कहा कि, “उचित दवा का चुनाव लोगों को खराब गुणवत्ता वाली दवाओं के अप्रिय प्रभाव से बचा सकता है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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