रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के खिलाफ SC-ST एक्ट के तहत FIR दर्ज करवाई है। यह FIR 30 जनवरी को ED द्वारा उनके आवास पर छापेमारी के बाद दर्ज की गई है।
सोरेन का आरोप है कि ED अधिकारियों ने उनके साथ जातिसूचक व्यवहार किया और उन्हें डराने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि ED की कार्रवाई राजनीतिक रूप से प्रेरित है और इसका उद्देश्य उन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री पद से हटाना है।
FIR में क्या है
FIR में सोरेन ने कहा है कि ED अधिकारियों ने उनके घर पर छापेमारी के दौरान उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और उन्हें अपमानित किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि ED अधिकारियों ने उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया।
सरकार का रुख
झारखंड सरकार ने ED की कार्रवाई की निंदा की है और इसे “राजनीतिक बदला” करार दिया है। सरकार ने कहा है कि ED का झारखंड में कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और यह राज्य सरकार की सहमति के बिना छापेमारी नहीं कर सकती है।
विपक्ष का रुख
झारखंड विपक्ष ने ED की कार्रवाई का समर्थन किया है और कहा है कि यह सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है। विपक्ष ने कहा है कि सोरेन को कानून का सामना करना चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार की विशेष छूट नहीं दी जानी चाहिए।
आगे क्या होगा
यह देखना होगा कि SC-ST एक्ट के तहत दर्ज FIR का क्या परिणाम होता है। यह भी देखना होगा कि ED सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच जारी रखती है या नहीं।
यह घटना झारखंड की राजनीति में एक बड़ा मोड़ है। यह देखना होगा कि इसका राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।